
उत्तराखंड में नवरात्र पर मिलावटी कुट्टू आटा बेचने वालों पर शिकंजा” SOP जारी।

राजीव चावला / एडिटर
ख़बर पड़ताल। नवरात्र और त्योहारी सीजन के मद्देनज़र उपभोक्ताओं की सेहत को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफ़डीए) अलर्ट मोड पर आ गया है। विभाग ने प्रदेशभर में कुट्टू के आटे की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान शुरू कर दिया है।
एफ़डीए आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा है कि नवरात्र के दौरान उपवास में व्यापक रूप से प्रयुक्त होने वाले कुट्टू के आटे को अब बिना लाइसेंस और पंजीकरण के कोई भी विक्रेता नहीं बेच सकेगा। इसके अलावा कुट्टू का आटा केवल सीलबंद पैकिंग में ही उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि उपभोक्ताओं को सुरक्षित व मानक के अनुरूप उत्पाद मिले।
डॉ. कुमार ने साफ चेतावनी दी कि यदि किसी कारोबारी ने खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन किया, तो उसके खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
मानकों का पालन अनिवार्य
आयुक्त ने सभी प्रभारियों, सहायक आयुक्तों और अभिहित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि नवरात्र अवधि में उपभोक्ताओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले खाद्य पदार्थ – विशेषकर कुट्टू का आटा – के निर्माण, पैकिंग, भंडारण, वितरण और बिक्री के दौरान खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 और नियम 2011 का सख्ती से पालन कराया जाए।
चरणबद्ध अभियान की कार्ययोजना
एफ़डीए ने इस अभियान को दो चरणों में बांटा है–
पहला चरण: थोक विक्रेताओं, डिपार्टमेंटल स्टोर और फुटकर विक्रेताओं को चिन्हित किया जाएगा। उनके यहाँ रखे उत्पादों की जांच होगी और भंडारण, रखरखाव और लेबलिंग से जुड़े नियमों पर बैठकें आयोजित की जाएंगी। यह प्रक्रिया नवरात्र शुरू होने से पहले पूरी कर ली जाएगी।
दूसरा चरण: नवरात्र शुरू होने से पहले और नवरात्र के दौरान चिन्हित प्रतिष्ठानों का आकस्मिक व नियमित निरीक्षण किया जाएगा।
कड़े पैकेजिंग नियम
बिना वैध खाद्य लाइसेंस या पंजीकरण के कुट्टू के आटे का निर्माण, पैकिंग, संग्रहण और विक्रय पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
खुले में बिक रहे कुट्टू के आटे पर विशेष निगरानी रखी जाएगी और इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य की दृष्टि से हतोत्साहित किया जाएगा।
केवल सीलबंद पैकेट में आटा बेचा जाएगा।
पैकेट पर पैकिंग तिथि, अवसान तिथि, निर्माता/रिपैकर का पूरा पता, प्रतिष्ठान का नाम और लाइसेंस नंबर अंकित करना अनिवार्य होगा।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और रिकॉर्ड की निगरानी
एफ़डीए ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी पैनी नजर रखने का फैसला किया है। ऑनलाइन बिक्री करने वाले कारोबारी को भी लाइसेंस लेना होगा और हर कारोबारी को कुट्टू के बीज या आटे की क्रय-विक्रय का रिकॉर्ड लिखित रूप में रखना अनिवार्य होगा।
नियम तोड़ने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई होगी।
क्विक रिस्पॉन्स टीम और त्वरित कार्रवाई
आयुक्त डॉ. कुमार ने निर्देश दिए हैं कि हर जिले में मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के आईडीएसपी सेल से समन्वय कर क्विक रिस्पॉन्स टीम गठित की जाए।
यदि कुट्टू के आटे के सेवन से किसी को बीमारी होती है तो ये टीमें तुरंत मौके पर पहुँचकर जांच करेंगी। नवरात्र अवधि में प्राप्त खाद्य नमूनों की जांच खाद्य एवं औषधि विश्लेषणशाला में प्राथमिकता से होगी और रिपोर्ट जल्द जारी की जाएगी।
उपभोक्ताओं की सेहत सर्वोपरि
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के नेतृत्व में सरकार उपभोक्ताओं को त्योहारों के दौरान सुरक्षित और शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि यह अभियान सिर्फ औपचारिकता नहीं है, बल्कि एक कठोर और चरणबद्ध कार्रवाई है। निर्माण, पैकिंग, भंडारण, वितरण से लेकर फुटकर और ऑनलाइन विक्रय तक हर स्तर पर निगरानी रखी जाएगी।
जगी ने साफ किया कि उपभोक्ताओं की सुरक्षा से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा और मिलावटखोर चाहे छोटे हों या बड़े, किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
उपभोक्ताओं से अपील
एफ़डीए ने उपभोक्ताओं से भी अपील की है कि यदि उन्हें कहीं मिलावटी या संदिग्ध खाद्य सामग्री की बिक्री की आशंका हो तो तुरंत विभाग को सूचित करें, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।

