“हल्द्वानी हिंसा” भीड़ को उकसाने में कई नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, हल्द्वानी हिंसा में राजनीतिक दखल भी हो सकता है। शुरुआती जांच में पुलिस के सामने ऐसे कुछ तथ्य उजागर हुए हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े शहर के पांच राजनेता पुलिस की रडार में आ गए हैं। राजनेताओं के खिलाफ एसएसपी ने जांच भी शुरू कर दी है..
नेताओं के फोन बंद
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस के सामने कानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद की बात कहने वाले ये लोग भीतरखाने उपद्रव फैलाने या लोगों को भड़काने वालों के संपर्क में थे। जांच के घेरे में आए इन नेताओं के मोबाइल फोन भी उपद्रव के बाद से स्विच ऑफ आ रहे हैं। बनभूलपुरा क्षेत्र में उपद्रव में वहीं के कई राजनीतिक दल के नेताओं का हाथ भी सामने आ रहा है। हिंसा मामले में पुलिस को कई साक्ष्य मिले हैं। अब पुलिस इन नेताओं की सीडीआर की जांच भी कर रही है। जल्द ही इस मामले में बड़ी गिरफ्तारी हो सकती है।
पुलिस-प्रशासन का आरोप है कि उपद्रव के दिन जनप्रतिनिधियों, धर्मगुरुओं और क्षेत्र के संभ्रांत लोगों ने जनता से अपील नहीं की। इस कारण उपद्रव और बढ़ गया। उधर पुलिस लगातार, सीसीटीवी, घटना के वीडियो और ऑडियो से उपद्रवियों को चिह्नित कर रही है। रोज संदिग्ध लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया जा रहा है। पुलिस को जांच में कई ऐसे साक्ष्य मिले हैं जिसमें वहां के कई राजनीतिक दल के नेता और जनप्रतिनिधियों का नाम आ रहा है।
पुलिस साक्ष्य के आधार पर इन नेताओं की सीडीआर निकाल रही है। सीडीआर से पुलिस उन संदिग्ध नंबरों की पहचान और लोकेशन भी ट्रेस कर रही है। एसएसपी मीणा का कहना है कि कुछ राजनीतिक दल के बड़े नेता भी उपद्रव को भड़काने में शामिल थे। पुलिस जल्द उन्हें पकड़कर बड़ा खुलासा करेगी।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना