ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- उत्तराखंड से हनी ट्रैप का बड़ा मामला सामने आया है. युवती ने प्रेमी बनाए एक युवक को दिल्ली से मंगलौर बुलाया. इसके बाद अपहरण की साजिश रचकर उससे लाखों रुपए ऐंठने की कोशिश की. युवती और उसका एक साथी गिरफ्तार कर लिया गया है. बाकी लोगों की तलाश जारी है।
हरिद्वार के मंगलौर कोतवाली पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. मंगलौर पुलिस ने मास्टरमाइंड महिला समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. महिला ने अपने प्रेमी को दिल्ली से मिलने के बहाने से बुलाकर अपने दोस्तों के साथ साजिश रचकर खुद की और प्रेमी के अपहरण की साजिश रची. साथ ही प्लान के तहत महिला के दोस्तों ने प्रेमी से महिला की रिहाई के लिए लाखों रुपये की डिमांड की थी. पुलिस ने दोनों आरोपियों को न्यायालय के समक्ष पेश कर जेल भेज दिया है. साथ ही पुलिस आरोपियों के अन्य साथियों की तलाश में जुट गई है।
बता दें कि बीती 11 जुलाई की सुबह एक व्यक्ति मंगलौर कोतवाली पहुंचा था. वहां पर उसने पुलिस को तहरीर देते हुए बताया कि कुछ व्यक्तियों ने 10 जुलाई की रात को मेरा और मेरी महिला दोस्त और महिला के भाई का तमंचे के बल पर अपहरण किया. जिनके द्वारा हम सभी को हमारी ऑल्टो कार में बैठाकर एक जंगल में ले जाकर मारपीट की गई. मेरे पास रखे पैसे और अन्य सामान लूट कर ले गए. वहीं प्रेमिका को छुड़ाने की एवज में 5 लाख रुपये की मांग की गई है।
तहरीर के आधार पर पुलिस ने इस मामले में संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर लिया. साथ ही घटना के सम्बन्ध में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया. इसके बाद एसएसपी हरिद्वार प्रमेंद्र डोभाल द्वारा घटना के जल्द खुलासे के लिए एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह और सीओ मंगलौर विवेक कुमार को टीम गठित करने के लिए निर्देशित किया गया. पुलिस टीम द्वारा पीड़ित से पूछताछ के दौरान मामले में संदिग्धता प्रतीत होने व मामला हनी ट्रैप का प्रतीत हुआ. टीम द्वारा इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य एकत्रित कर 24 घंटे के भीतर महिला सहित 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार आरोपियों के नाम शुमभ पुत्र वीर सिंह निवासी ग्राम हुसैनपुर कोतवाली लक्सर, युवती पुत्र सूरजपाल सिंह निवासी अशोक नगर ढण्डेरा कोतवाली रुड़की बताए गए हैं।
पीड़ित की महिला मित्र ही निकली अपहरण की मास्टरमाइंड
पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर युवती बताया कि वो दिल्ली में एक फाइनेंस कम्पनी में इन्टरव्यू देने गई थी. दिल्ली में मुझे एक लड़का मिला था, जिसने अपना नाम कृष्णराज बताया था. मेरे एटीएम कार्ड से पैसे नहीं निकल रहे थे. मैंने कृष्णराज से 500 रुपये कैश लेकर उसको गूगल पे किए थे. इससे हमारा नंबर आपस में शेयर हो गया. फिर हमारी आपस में फोन से बात होने लगी थी. कृष्णराज ने मुझे बताया था कि मैं कोर्ट में काम करता हूं. इसके अलावा एटीएम में भी काम करता है।
मुझे लगा कि लड़का अच्छे रोजगार वाला है. मैंने अपने अन्य साथियों को कृष्णराज के बारे में बताया. उसी दिन से हमने प्लान बनाना शुरू कर दिया. प्लान के तहत युवती ने कृष्णराज को रुड़की मिलने के लिए बुलाया. उससे मंगलौर बस अड्डे पर ही उतरने को बोला. जिसके बाद युवती ने ऋषिकेश जाने की बात बोलकर अपने किसी रिश्तेदार को गाड़ी के साथ आने की बात कही. गाड़ी लेकर शख्स कुछ ही देर में मंगलौर बस अड्डे पर पहुंच गया. जिसके बाद युवती और कृष्णराज उसकी गाड़ी में बैठ कर हरिद्वार की ओर निकल गए।
युवती के प्लान के मुताबिक कुछ ही दूरी पर बाथरूम करने के बहाने उतरे और बाथरूम करने के बाद जैसे ही वह गाड़ी में बैठने लगे तो पूर्व में बनाई गई योजना के अनुसार अर्जुन, दीपक, कार्तिक और शुभम ने अपनी मोटरसाइकिल कार के आगे पीछे लगाकर गाड़ी को रोक लिया. युवती के दोस्तों ने प्लान के मुताबिक खुद की बात मनवाने के लिए धमकाना शुरू कर दिया. सभी आपस में एक दूसरे को बदले हुए नामों से पुकार रहे थे, जिससे बाद में किसी को कोई शक न हो. इसके बाद आरोपी गाड़ी को कोटवाल गांव से आगे निकलकर चौंदाहेड़ी गांव के जंगल में ले गए. वहां पर अर्जुन, दीपक, कार्तिक और शुभम ने कृष्णराज व सौरव और मुझे अलग-अलग कर दिया।
सभी कृष्णराज को प्लान के अनुसार ऐसा दिखा रहे थे कि हमने उसे, सौरव और मुझे अगवा कर लिया है. कृष्णराज के साथ मारपीट कर उसके पास मौजूद पर्स, मोबाइल को छीन लिया था. इसी के साथ युवती को छोड़ने और वीडियो वायरल करने का डर दिखाकर 10 लाख रुपए की मांग की गई. आरोपियों ने कृष्णराज को यह विश्वास दिलाया कि युवती और उसका भाई 50 हजार रुपये मंगा रहे हैं. उसे भी घर से 10 लाख रुपए मंगाने को कहा. पीड़ित कृष्णराज को रोता देख आरोपियों ने पहले 5 लाख और बाद में 1 लाख में सौदा तय कर दिया. इस पर पीड़ित ने अपना फोन लेकर अपने रिश्तेदारों से एक्सीडेंट के नाम पर पैसे मांगे. रिश्तेदार ने पीड़ित के खाते में लगभग 9 हजार रुपए डाले जो पैसे युवती ने एटीएम से निकाल कर अपने दोस्तों में बांट दिए. वहीं पुलिस टीम द्वारा घटना पर निरंतर कार्रवाई की गई. जब युवती अपने दोस्त कर्तिक और शुभम के साथ हरिद्वार घूमने गई थी, तो पुलिस टीम द्वारा उसको और उसके दोस्त को धर दबोचा गया।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना