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ससुर नम्बरी – दामाद 10 नम्बरी, नाबालिगों को नशे के जाल में फंसा रहा दामाद का नेटवर्क-

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ससुर नम्बरी – दामाद 10 नम्बरी, नाबालिगों को नशे के जाल में फंसा रही खतरनाक गैंग।

“ससुर जुआरियों का सप्लायर – दामाद बच्चों का नशा सप्लायर
👉 रुद्रपुर में स्कूल छात्रों को ई-सिगरेट सप्लाई करने वाला गिरोह बेनकाब

राजीव चावला/ एडिटर

ख़बर पड़ताल। रुद्रपुर से बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक ओर जहां ससुर जुआरियों को नेपाल बॉर्डर के कसीनो तक पहुंचाकर मोटा मुनाफा कमा रहा है, तो वहीं उसका दामाद शहर के नाबालिग छात्रों को नशे की अंधेरी दुनिया में धकेलने का काम कर रहा है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गंगापुर रोड निवासी युवक लंबे समय से रुद्रपुर के कई स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को vape smoke (ई-सिगरेट) सप्लाई कर रहा है। वह अकेला नहीं है, बल्कि एक संगठित गिरोह के साथ इस धंधे को चला रहा है। गैंग पहले बच्चों को इस लत में फंसाता है और जब छात्र इसकी आदत के शिकार हो जाते हैं, तो उनसे मोटी कमाई शुरू की जाती है।

अभिभावकों ने खोली पोल

कुछ अभिभावकों ने नाम न उजागर करने की शर्त पर खबर पड़ताल को बताया कि यह नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय है। उनकी शिकायत पर स्कूल प्रबंधन ने तलाशी अभियान भी चलाया। तलाशी के दौरान कई छात्रों के पास से vape smoke (ई-सिगरेट) बरामद हुई। हालांकि छात्रों पर क्या कार्रवाई हुई, इसकी जानकारी सामने नहीं आ सकी।

स्कूल और समाज के लिए गंभीर खतरा

वर्तमान में रुद्रपुर के कई नामी स्कूल इस नेटवर्क के निशाने पर हैं। जिस गति से यह लत बच्चों में फैलाई जा रही है, वह न केवल उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, बल्कि अभिभावकों और पूरे समाज के लिए चिंता का विषय है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ई-सिगरेट और वेपिंग बच्चों के फेफड़ों और दिमाग पर गंभीर असर डालती है। लगातार सेवन से स्मोकिंग, ड्रग्स और अन्य नशों की ओर भी झुकाव बढ़ सकता है।

प्रशासन से उम्मीद

शहर में इस तरह के नशे के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन और पुलिस की सक्रियता बेहद जरूरी है। सवाल यह है कि कब तक माफिया बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करते रहेंगे और कब तक कानून-व्यवस्था आंख मूंदे बैठे रहेगी।

Rajeev Chawla


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