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*रुद्रपुर” दरोगा व परिवार को मिल रही धमकियां, दर्ज हुआ मुकदमा; जानें पूरा मामला।*

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:– तत्कालीन आदर्श कॉलोनी चौकी प्रभारी की दबंगई प्रकरण का मामला एक बार फिर सामने आया है। इस बार दरोगा की दबंगई नहीं,बल्कि दरोगा ने न्यायालय में याचिका दायर कर खुद व परिवार की जानमाल का खतरा बताया है। आरोप था कि चेकिंग के दौरान सिख युवकों द्वारा वीडियो वायरल किए जाने के बाद लगातार सोशल मीडिया पर धमकियां मिल रही है, जबकि वह अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहा था और युवक लगातार दबंगई दिखाते हुए सरकारी पिस्टल छीनने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है।

बताते चले कि 18 सितंबर 2024 को गाबा चौक पर आपराधिक वारदातों की रोकथाम को लेकर तत्कालीन आदर्श कॉलोनी चौकी प्रभारी संदीप पिलखवाल वाहन चेकिंग कर रहे थे। तभी बिना नंबर प्लेट बाइक पर सवार तीन युवक आते है और जब भागने की कोशिश करने लगे। तो संदेह होने पर पुलिस ने युवकों  को पकड़ लिया। इसी धरपकड़ के बीच एक वीडियो वायरल होती है। जिसमें दरोगा व युवक धक्का मुक्की कर रहे है। मामले ने तूल पकड़ा,तो दरोगा का स्थानांतरण हो गया। लेकिन दरोगा ने न्यायालय में याचिका दायर करते हुए कहा कि वह अपने दायित्व का निर्वहन कर रहा था और युवक संदेहस्पद थे। जब रोकने की कोशिश की,तो युवक धक्का मुक्की करते हुए सरकारी पिस्टल को छीनने की कोशिश कर रहे थे। बलपूर्वक नियंत्रित कि या,तो वीडियो को धार्मिक उन्माद से जोड़ते हुए वायरल कर दिया । वीडियो वायरल होने के बाद जहां विभाग ने विभागीय कार्रवाई कर डाली। वहीं सोशल मीडिया पर उसे व उसके परिवार को जान से मारने की धमकियां मिल रही है। जिस कारण वह मानसिक अवसाद से गुजर रहा है और जानमाल का खतरा बना हुआ है। याचिका कर्ता दरोगा संदीप की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कार्रवाई का आदेश दिया। पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर फिलहाल मुख्य आरोपी यश सिंह निवासी सिरसखेडा बिलासपुर यूपी के खिलाफ सरकारी काम में बाधा सहित कई धारा ओ में मुकदमा दर्ज कर लिया और अन्य दो साथियों की भी खोजबीन शुरू कर दी है।

18 सितंबर को दरोगा की दबंगई की वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई। वैसे ही इलाके में धार्मिक उन्माद फैल चुका था। जिसको लेकर बड़ी संख्या में सिख संगठनों ने गल्ला मंडी में महापंचायत की और दरोगा को तत्काल बर्खास्त करने का मुद्दा उठाया। स्थिति इतनी बेकाबू होने लगी थी कि पुलिस के आला अधिकारियों को गुस्साए लोगों की हर शर्त माननी पड़ी। वहीं दरोगा को लाइन हाजिर के बाद स्थानांतरण कर दि या गया था।

याचिकाकर्ता तत्कालीन आदर्श कॉलोनी चौकी प्रभारी संदीप पिलखवाल का आरोप था कि जिस वक्त बाइक सवार तीन युवक अभद्रता व धक्का मुक्की कर रहे थे। तभी एक युवक ने कमर में लगी सरकारी पिस्टल छीनने की कोशिश की और दूसरे युवक ने पंजाबी भाषा में पिस्टल छीनकर गोली मारने के लिए प्रेरित किया, जबकि वह नियमानुसार बाइक के कागज मांग रहा था। इससे साफ हो गया था कि यदि पिस्टल छीन जाती,तो युवक गोली भी मार सकते थे।

याचिकाकर्ता दरोगा का कहना था कि ट्रिपल राइडिंग के दौरान जब युवकों से नाम पूछा,तो तीन युवक नाम बताने से इंकार करते रहे और जब बाइक के चेचिस नंबर निकाला,तो बाइक का रजिस्ट्रेशन यश सिंह नाम से मिला,जबकि लगातार युवक अभद्रता व नाम नहीं बता रहे थे। आरोप था कि युवक समझाने पर पुलिस कर्मियों से भी उलझ रहे थे और जब बल का प्रयोग किया। तभी एक युवक ने साजिशन वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल की और सिखों का अपमान किए जाने का मैसेज भी वायरल किया।

दरोगा संदीप पिलखवाल का आरोप था कि मामला बिगड़ने के बाद जब धार्मिक उन्माद का आरोप लगने लगा। तो उसने एसएस पी को शिकायती पत्र देकर अपना पक्ष रखना चाहा और पूरे प्रकरण से अवगत कराने की कोशिश की,लेकिन विभाग के आला अधिकारि यों ने शिकायती पत्र पर कोई ध्यान नहीं दिया। बावजूद इसके अब सोशल मीडिया पर तरह तरह की धमकियां मिलने लगी और मान सिक तनाव हुआ। तो उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया।


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