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फर्जी DTM दुकान के जरिये हजारों कार्ड धारकों का शासन से आया राशन दुकानदारों ने किया हजम, करोडों रुपयों का हुआ गबन; अधिकारी भी संलिप्त।

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ख़बर पड़ताल, रुद्रपुर। यूं तो उधम सिंह नगर जनपद किसी न किसी मामले में हमेशा सुर्खियों में रहता है, जहां भ्रष्टाचार की कड़ियाँ साफ देखने को मिल जाती है चाहे वह कोई भी विभाग हो। वहीं खाद्यान विभाग में आये दिन हो रहे घोटालों से कोई भी अंजान नही है। अब खाद्यान विभाग में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां फर्जी DTM दुकान बनाकर राशन विक्रेताओं द्वारा हजारों कार्ड धारकों का शासन से आया हुआ राशन हजम कर लिया और करोड़ों रुपयों का गबन कर लिया गया है।

बता दें ऊधमसिंह नगर जिले में भ्रष्टाचार की गति चरम पर है। अधिकतर विभाग इसकी जद में हैं। जिलेभर में मुख्यमंत्री कोष से जारी चेक के मामले, अवैध खनन, ओवरलोडिंग जैसे कई अन्य मामलों में गड़बड़ देखने को मिल रही है। वहीं खाद्यान विभाग में भी अजब गजब खेल देखने को मिल रहा है, जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। बता दें उधम सिंह नगर जनपद मुख्यालय रुद्रपुर और किच्छा में डीटीएम के नाम से फर्जी दुकानों का गठन किया गया, जो ऑनलाइन थी। जिसके गठन को लेकर शासन व विभाग स्तर पर कोई अनुमति नहीं ली गई। सिर्फ एक अधिकारी की सहमति पर इन डीटीएम दुकानों का गठन कर दिया गया और फर्जी तरीके से हजारों कार्ड इन दुकानों पर चढ़ा दिए गए, जिनका राशन शासन स्तर से आना भी शुरू हो गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब 6000 कार्ड इन दुकानों पर चढ़ाए गए, जिनका राशन विभागीय अधिकारियों, इंस्पेक्टरों ने सस्ता गल्ला विक्रेताओं के जरिये तालमेल बनाकर खपा दिया। बताते चलें कि डीटीएम की फर्जी दुकान बनाने व संस्तुति देने वाले तत्कालीन अधिकारी इस समय फिर से जिले में जिला पूर्ति अधिकारी के पद पर तैनात हैं।

वहीं रुद्रपुर के जगतपुरा में बनी डीटीएम की फ़र्ज़ी दुकान में ही करीबन 6 करोड़ से भी ज्यादा रकम की घोटाले की कागजों में पुष्टि होती दिखाई दे रही है। हालांकि शासन स्तर पर भी इस पूरे प्रकरण का संज्ञान ले लिया गया है लेकिन उक्त पूरे प्रकरण में विभाग द्वारा जांच कर संबंधित तत्कालीन डीटीएम के खिलाड़ी अधिकारियों और इंस्पेक्टर्स से रिकवरी व आवश्यक कार्रवाई होती है या नहीं.. यह देखने वाली बात होगी।


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