उत्तराखंड को टूरिस्ट पैलेस के लिहाज से काफी खासा माना जाता है जिसके चलते सिडकुल की स्थापना के बाद से रुद्रपुर में भी होटलो की बाढ़ सी आ गई”
होटल बनाने के लिए नियम कहता है कि होटल बनाने वाले व्यक्ति के पास पर्सनल यानी निजी पार्किंग स्पेस भी होना चाहिए लेकिन रुद्रपुर के अगर अधिकतर होटलों की बात की जाए तो गली मोहल्लों में बने इन होटल के पास जितने कमरे हैं उन कमरों के हिसाब से एक गाड़ी खड़ी करने तक की पार्किंग नहीं है अब सवाल ये उठता है कि बिना पार्किंग स्पेस के आखिरकार कैसे विभाग के द्वारा इन्हें एनओसी जारी कर दी गई।
सूत्रों की माने तो विभागीय मिलीभगत के चलते इन होटल व्यवसायियों को एनओसी जारी कर दी गई। वहीं कई होटलों के पास दो एग्जिट तक नहीं है अगर इमरजेंसी में कोई घटना घट जाती है तो होटल से भागने के लिए महज एक ही रास्ता होगा।
जो कि नियम विरुद्ध है हालांकि इन सभी नियमों की धज्जियां उड़ा रहे होटलों को विभाग की और से एनओसी भी दे दी जाती है। और शिकायतों के बावजूद कार्रवाई भी नहीं की जाती।