क्या असम में सालों से चली आ रही बहुविवाह प्रथा पर रोक लगेगी?? आपको बता दें की असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार (21 अगस्त) को लोगों से राज्य में बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए उनकी सरकार के प्रस्तावित कानून पर अपने सुझाव भेजने का आग्रह किया है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कहा था कि राज्य में बहुविवाह को समाप्त करने के लिए जल्द ही एक सख्त अधिनियम लाया जाएगा।
बता दें की असम मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (ट्विटर) हैंडल पर जनता से सुझाव की अपील की और इसके लिए एक सरकारी नोटिस भी शेयर किया। नोटिस में एक विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है, जिसमें सिफारिश की गई है कि असम विधानसभा बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून बना सकती है।
धर्म का हिस्सा नहीं, एक से ज्यादा बीवी रखना
वहीं नोटिस के मुताबिक अनुच्छेद 25 और 26 धर्म को मानने और अंतरआत्मा को सुनने का अधिकार देता है. हालांकि, ये अधिकार ऐसे नहीं हैं, जिनको बदला न जा सके. नोटिस में कहा गया है. “इस्लाम के संबंध में अदालतों ने माना है कि एक से अधिक पत्नियां रखना धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है. पत्नियों की संख्या सीमित करने वाला कानून धर्म का पालन करने के अधिकार में हस्तक्षेप नहीं करता है और यह सामाजिक कल्याण और सुधार के दायरे में भी आता है।
अनुच्छेद 25 का उल्लंघन नहीं करता कानून
बता दें की सरकारी नोटिस में कहा गया है, “एक पत्नी का समर्थन करने वाला कानून अनुच्छेद 25 का उल्लंघन नहीं करता है. इन सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए असम विधानसभा बहुविवाह को खत्म करने के लिए कानून बना सकती है।
असम सरकार ने बनाई थी समिति
बता दें की इससे पहले असम सरकार ने मामले में एक एक्सपर्ट्स की कमेटी का भी गठन किया था. इस समिति ने सरमा को रिपोर्ट सौंपी दी है सीएम ने दावा किया है कि समिति ने सर्वसम्मति से सहमति व्यक्त की है कि राज्य से बहुविवाह को खत्म करने के लिए राज्य सरकार कानून बना सकती है।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना