भारत में सबसे ज्यादा हिंदी भाषा का प्रयोग किया जाता है, लेकिन ये समझ से बाहर है की आज भी कई लोगों को हिंदी भाषा से नफरत है, ऐसा हम इसलिए कह रहें हैं क्योंकि नई संसद में DMK के सांसद ने हिंदी में लिखा शेड्यूल फाड़ दिया और फिर उसे फेंक दिया आपको बता दें की, नए संसद भवन में संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है. डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने संसद के विशेष सत्र से एक दिन पहले हुई सर्वदलीय बैठक में गजद्वार पर तिरंगा फहराने के कार्यक्रम का शेड्यूल हिंदी में मिलने पर नाराजगी जताई, तिरुचि शिवा ने उसे फाड़ दिया।
जानकारी के मुताबिक बता दें की नए संसद भवन के गजद्वार पर तिरंगा फहराने के कार्यक्रम का पूरा शेड्यूल हिंदी में दिया गया था। इसे लेकर डीएमके के सांसद तिरुचि शिवा और अन्य विपक्षी नेताओं की आपत्ति के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि अगली बार से हिंदी और अंग्रेजी दोनों में शेड्यूल जारी किया जाएगा।
स्टालिन ने लगाया है हिंदी थोपने का आरोप
वहीं उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नए संसद भवन के गजद्वार पर तिरंगा फहराया था, डीएमके सांसद तिरुचि शिवा भी रविवार सुबह शामिल हुए थे, आपको बता दें कि इसी हफ्ते गुरुवार (14 सितंबर) को हिंदी दिवस वाले दिन डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने भी केंद्रीय मंत्री अमित शाह के उस बयान की निंदा की थी जिसमें हिंदी दिवस पर उन्होंने कहा था कि हिंदी भारत में विभिन्न भाषाभासी लोगों को एकजुट करती है।
स्टालिन ने सोशल मीडिया पर तमिल में एक पोस्ट कर कहा था, “अमित शाह कहते हैं कि हिंदी देश के लोगों को एकजुट करती है और क्षेत्रीय भाषाओं को सशक्त बनाती है, तो वह बताएं कि तमिलनाडु में तमिल बोली जाती है और केरल में मलयालम, हिंदी इन दोनों राज्यों को कैसे जोड़ती है? कहां से सशक्त करती है?”
उन्होंने हिंदी का विरोध करते हुए कहा था कि यह कहना बेतुका है कि तीन या चार राज्यों में बोली जाने वाली हिंदी पूरे देश को एकजुट करती है, स्टालिन ने अमित शाह पर हिंदी थोपने का भी आरोप लगाया था।
इसके बाद रविवार को ऑल पार्टी मीटिंग में डीएमके सांसद तिरुची शिवा की ओर से हिंदी शेड्यूल को फाड़ने का मामला सुर्खियों में है।
संसद का स्पेशल सेशन आज सोमवार (18 सितंबर) से शुरू हो रहा है जो 22 सितंबर तक चलेगा, पहले दिन की कार्यवाही पुराने संसद भवन में ही होगी जबकि 19 सितंबर से स्पेशल सेशन की कार्यवाही नए संसद भवन में शिफ्ट हो जाएगी। इसका उद्घाटन पीएम मोदी ने 28 मई को किया था।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना