रुद्रपुर। जब प्रशासन मेहरबान तो पटवारी बना पहलवान, यह कहावत ऊधमसिंह नगर में सार्थक होती दिख रही है। चर्चाओं में रहने वाले जिले के एक पटवारी पर प्रशासन पूरी तरह मेहरबान दिख रहा है। विश्वसनीय सूत्रों की माने तो इन दिनों एक पटवारी ऐसा है, जो पिछले 10 सालों से लगातार खनन क्षेत्र में अपनी पैठ जमाए हुए हैं, जबकि नियमानुसार यह गलत है।
बताते चले जिले में जहां निर्वाचन आयोग 3 साल से ज्यादा एक क्षेत्र में रहने वाले कर्मचारी अधिकारी का तबादला कर देता है, तो वहीं उसके परे ऊधमसिंह नगर जिले के बाजपुर तहसील में तैनात एक राजस्व उपनिरीक्षक (पटवारी) नरेंद्र कुमार पिछले 10 वर्षों से एक ही तहसील में तैनात हैं और तहसील क्षेत्र में आनी वाली कोसी नदी सर्किल में पिछले 10 वर्षो से तैनात है जानकारी के मुताबिक पटवारी नरेंद्र कुमार काशीपुर के निवासी हैं, जो बीते दस वर्षों से ऊधमसिंह नगर के बाजपुर तहसील के खनन क्षेत्रो में तैनात रहते हैं। पटवारी नरेंद्र कुमार बाजपुर तहसील के खनन क्षेत्रो में जोगीपुरा, रतनपुरा, गुलजारपुर, सुल्तानपुर पट्टी, जगतपुर, शीशम घाट, कोसी कांटा, पटौटी, मेहताब वन, लक्ष्मीपुर आदि क्षेत्रों में ही अपनी पोस्टिंग काट दी।
वहीं सूत्रों की मानें तो इस पटवारी की राजनीति व खनन कारोबारियों में अच्छी पेठ होने के चलते ही यह प्रशासनिक अधिकारी इसे इस तहसील के सर्किल से नही हटा सके, एक ही पटवारी क्षेत्र में पिछले दशक से तैनात है
जो कायदे कानूनों के विपरित है। सूत्र बताते हैं कि पूर्व में कई बार पटवारी नरेंद्र कुमार की शिकायतें भी हुई लेकिन राजनीति में अच्छी पकड़ और प्रशासन व उच्च अधिकारियों में अपनी अच्छी पैठ के चलते इन्हें कोई बाजपुर तहसील तो छोड़ो पटवारी सर्किल से हिला नहीं पाया।
वही आपको बता दे कि पुलिस विभाग की खनन क्षेत्र में मिलीभगत और लापरवाही बरतने वाले पुलिस के दारोगा और कांस्टेबलों पर कार्रवाई होती रहती है और 3/4 महीने से ज्यादा कोई भी पुलिस कर्मचारी एक चौकी या थाने में नही रहता और उनको शिकायत मिलने पर हटा दिया या गंभीर शिकायत पर लाइन हाजिर भी कर दिया जाता है परंतु राजस्व विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों की महारबानी से लगातार बाजपुर तहसील के खनन क्षेत्र में 10 सालों से तैनात इस पटवारी पर कार्यवाही तो दूर की बात इस को आज तक खनन क्षेत्र से हटाया तक नहीं गया इसका मतलब यह है कि इस पटवारी की जड़े इतनी मजबूत है की उच्च अधिकारी इन पर कोई कार्यवाही या ट्रांसफर नही कर पा रहे है या अपने लालच में करना नही चाहते है और पटवारी जी प्रशासनिक सिस्टम से कहीं ऊपर है।