बड़ी और चौका देने वाली ख़बर आपको बता दें की एक साथ 1 लाख बच्चों छुट्टी ले ली जिसे सुनकर हर कोई हैरान है, अब आपको पूरा मामला बता दें…. दरअसल ओडिशा में पिछले एक हफ्ते से 54 हजार स्कूल बंद हैं, जिसके लाखों बच्चे और उनके अभिभाव परेशान हैं। इस हालत की वजह राज्य के 1 लाख 30 हजार टीचर्स का अचानक सामूहिक रूप से अवकाश लेकर हड़ताल पर चले जाना है। हालांकि ओडिशा की सरकार ने हड़ताल वापस लेने की अपील की है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। हड़ताल अनिश्चित काल के लिए जारी है।
बता दें कि राज्य में संविदा नियुक्ति प्रणाली को खत्म करने, पुरानी पेंशन को फिर से लागू करने और ग्रेड वेतन में बढ़ोतरी की मांग को लेकर बीती 8 सितंबर को राज्य के प्राइमरी स्कूट टीचर्स ने हड़ताल शुरू की थी। इस बारे में आंदोलनकारी शिक्षक ब्रह्मानंद महराना और अन्य का कहना है कि राज्य की सरकार उनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही। उन्होंने अपनी मांगों के लिए बहुत बार प्रशासन के सामने अपनी बात रखने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ तो मजबूर होकर संगठन को हड़ताल जैसा कदम उठाना पड़ा।
एक हफ्ते से बंद है 54 हजार स्कूल
हालांकि सरकार ने एक उप-समिति का गठन किया है, जबकि एक अंतर-मंत्रालयी पैनल पहले ही गठित है। इस पर बात करते हुए कर्मचारी नेता का कहना है कि यह सब उनकी मांगों को लटकाने की सिर्फ एक कोशिशभर है। उधर, हड़ताल के चलते पिछले एक सप्ताह से प्रदेश के 54 हजार स्कूलों में पढ़ने वाले प्राइमरी कक्षाओं के 40 लाख बच्चे और उनके अभिभावक परेशान हैं, वहीं विपक्षी राजनैतिक पार्टियों ने भी प्रदेश की सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।
ये है राजनैतिक आलोचना और भरोसा
वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रवक्ता अनिल बिस्वाल ने कहा कि राज्य सरकार की उदासीनता के कारण शिक्षा व्यवस्था का जनाजा निकला हुआ है। पिछले एक हफ्ते से राज्य के लाखों परिवार अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंता में हैं, लेकिन सरकार को किसी की भलाई से कोई लेना-देना नहीं है। एक सचिव की हेलिकॉप्टर यात्रा पर सरकार 500 करोड़ रुपए खर्च कर सकती है, लेकिन बच्चों का भविष्य संवारने वाले टीचर्स को उपयुक्त वेतन देने में सरकार बोझ समझती है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शरत पटनायक ने इस बारे में कहा कि ओडिशा में शिक्षा व्यवस्था में ‘आपातकाल’ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। दूसरी ओर बीजद विधायक अरबिंद धाली ने हर हाल में शिक्षकों की मांगों पर गौर करने का आश्वासन दिया है।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना