देखिये Video” अव्यवस्थाओं को देख एनएचएम की निदेशिका का चढ़ा पारा, मैनेजर सहित स्टाफ को लगाई फटकार।
एडिटर / ख़बर पड़ताल।
रुद्रपुर। स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही कोई नई बात नहीं है लेकिन आज जब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशिका रुद्रपुर पहुंचे तो उन्होंने अव्यवस्थाओं पर स्टाफ की जमकर कड़ी फटकार लगा दी।
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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशिका ने जिला मुख्यालय स्थित ट्रांजिटकैप के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया। निरीक्षक के दौरान एएमएन और आशा कार्यकत्री सेंटर पर नदारद मिली। तो वहीं स्वास्थ्य केंद्र में अव्यवस्थाओं का बोलबाला देखने के बाद निदेशिका का पारा चढ़ गया। जिसे देखकर एनएचएम की निदेशक ने वहां मौजूद मैनेजर सहित स्टाफ को जमकर फटकार लगाई। साथ ही हिदायत दी कि यदि एक माह के भीतर बेसिक दायित्वों में सुधार नहीं आया। तो सख्त व कड़ी कार्रवाई की जाएंगी।
आज दोपहर एनएचएम की निदेशिका डॉ सरोज नैथानी, और सीएमओ डॉ सुनीता चुफाल सहित टीम के साथ ट्रांजिटकैंप में बने शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और वेलनेस सेंटर पहुंची। तो सबसे पहले केंद्र पर कोई भी एएनएम और आशा कार्यकत्री नहीं दिखी। जवाब मांगने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने चिकित्सक और टीकाकरण कक्ष का निरीक्षण किया। निरीक्षण में पाया कि सेंटर में बच्चों को खिलाने वाली दवा भी नहीं है और टी काकरण के बाद उसकी कोई सूची में भी तैयार नहीं है। साथ ही जच्चा और बच्चा संबंधी कोई रजिस्ट्रर तैयार किया गया है। इसके अलावा निरीक्षण में पा या कि केंद्र के सिटी मैनेजर द्वारा स्वास्थ्य कार्मिकों के साथ मिलकर कोई भी प्लानिग के साथ कार्य नहीं होता है और न ही अभी तक स्टाफ को अपनी बे सिक काम की कोई जानकारी है। इस पर जब उन्होंने रोजमर्रा लगने वाले टीकाकरण का रजिस्टर मांगा। तो उसके क्रमबद्ध गिनती भी गलत अंकित थी और न ही टीकाकरण का कोई चार्ज बना हुआ था। जिसे देखकर पहले एनएचएम निदेशक ने सिटी मैनेजर सहित स्वास्थ्य कार्मिकों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उददेश्य है कि घनी आबादी में रहने वाली प्रसूता और नौनिहाल को आसानी से टीकाकरण सहित दवाएं मु हैया कराई जाएं। ताकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का मकसद पूरा हो सके। उन्होंने नर्स को आदेशित किया कि बच्चों की ठीक तरीके से जांच करने, सेंटर में आने वाली गर्भवती की दिक्कतों को सुनने,परेशानी होने पर तत्काल 108 को फोन कर जिला अस्पताल में भेजने की व्यवस्था की जाएं। इसके अलावा अगर कोई छोटा बच्चा बीमारी की हालत में आता है,तो खुशियों की सवारी 102 को फोन कर जिला अस्पताल भेजा गया। उन्होंने केंद्र के स्वास्थ्य कार्मिको व सिटी मैनेजर को हिदायत दी कि एक माह के अंदर व्यवस्थाओं को सुधारने के साथ ही बेसिक कार्यो के प्रति सजग रहे। एक माह बाद होने वाले निरीक्षण में खामियं पाई गई,तो कार्रवाई की जाएंगी। उन्होंने सीएमओ को आदेश दिया कि केंद्र पर तैनात स्वास्थ्य कार्मिकों को प्रशिक्षण के माध्यम से प्रशिक्षित करे। ताकि स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू हो सकें।