इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, लोग जमकर इस वीडियो को शेयर भी कर रहे हैं आपको जानकारी के लिए बता दें की इस वीडियो में लोग टेस्ला और ट्विटर के सीईओ एलन मस्क की पूजा करते हुए नजर आ रहें हैं साथ ही एलन मस्काय नम: का जाप भी करते हुए दिखाई दे रहा है, जिसने भी ये वीडियो देखा या तो वह हैरान है या फिर उसकी हंसी छूट गई। आपकी जानकारी के लिए बता दें की ये वीडियो कर्नाटक राज्य की राजधानी बेंगलुरु का हैं जहां टेस्ला और ट्विटर के सीईओ एलन मस्क की पूजा करने का वीडियो वायरल हो रहा है। बता दें की टेक सिटी बेंगलुरु में कुछ लोगों ने एलन मस्क की तस्वीर रखकर पूजा अर्चना की। लोगों ने धूप-अगरबती दिखाते हुए एलन मस्काय नम: एलन मस्काय नम: का जाप भी किया। दरअसल, आपको बता दें की सेव इंडियन फैमिली फेडरेशन (एसआईएफएफ) के लोगों ने एलन मस्क की पूजा अर्चना की। सेव इंडियन फैमिली फेडरेशन (SIFF) एक एनजीओ है, जो पुरुषों के अधिकारियों के लिए काम करता है। साथ ही बता दें की इस दौरान लोगों ने अडानी-अंबानी पर भी निशाना साधा लोगों ने कहा कि अडानी अंबानी एलन मस्क से कुछ सीखो।
एनजीओ के लोगों ने बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में टेस्ला के सीईओ और अमेरिकी अरबपति एलन मस्क के लिए विशेष पूजा का आयोजन किया। वीडियो में एक शख्स एलन मस्क की तस्वीर के आगे अगरबती दिखाकर एलन मस्काय नम: का जाप कर रहा है और पीछे से कुछ लोग इस जाप को दोहरा रहे हैं। लोगों ने मस्क को ‘वोकशूरा का विध्वंसक’ कहा और ट्विटर के मालिक होने के लिए उनकी तारीफ की। बता दें कि ‘वोक कल्चर’ आम तौर पर उन लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो मालिकाना हक के साथ हर चीज पर सवाल उठाते हैं। हाल में ट्विटर कंपनी खरीदने के बाद एलन मस्क ने बहुत कुछ बदलाव किया है। वैश्विक मंदी को देखते हुए मस्क ने ट्विटर से कई लोगों को लेऑफ भी किया। मस्क के कुछ फैसलों की लोगों ने आलोचना भी की थी।
साथ ही जानकारी के लिए बता दें की सेव इंडियन फैमिली फेडरेशन (SIFF) पुरुषों के अधिकारों के लिए काम करने वाला एक एनजीओ है। यह संगठन के लोग वैवाहिक बलात्कार पर सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिकाओं के खिलाफ बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि बलात्कार, घरेलू हिंसा और दहेज पर कानून पहले से ही है। इस कानून के तहत पुरुषों के खिलाफ पक्षपातपूर्ण और सौतेला व्यवहार किया जाता है। साथ ही कई झूठे मामले दर्ज कराए जाते हैं। बता दें की लोगों ने कहा कि नए कानून का इस्तेमाल वास्तविक पीड़ितों को न्याय नहीं मिलेगा। बल्कि इसका दुरुपयोग ज्यादा होगा। संगठन के लोगों ने पुरुषों के अधिकारों का सम्मान करने की मांग की है।
रिपोर्ट– साक्षी सक्सेना