उत्तराखंड: बड़ी खबर आपको बता दें की उलेमाओं द्वारा शादी को लेकर नई पहल की गई है बता दें की राज्य में शादियों में दहेज के बढ़ते प्रचलन पर काबू पाने के लिए उलेमाओं ने फरमान जारी किया है। बता दें की उलेमाओं की पंचायत ने दहेज की नुमाइश व मांग पर रोक लगा दी है, ताकि एक दूसरे को देखकर लोग इसमें बढ़ावा देने से बचें। शादी समारोह में खड़े होकर खाना खिलाने पर भी पूर्ण पाबंदी लगाई गई है। साथ ही तलाक के मामलों में उलेमाओं को शरीक करने का भी फैसला लिया। सभी बिरादरी के लोगों द्वारा फैसले का स्वागत किया गया।
आज सोमवार को उधमसिंहनगर जिले के जसपुर के मदीना मैरिज हॉल में आयोजित पंचायत में तहरीक इस्लाहे मुआशरा उलमा-ए-अहलेसुन्नत का गठन किया गया। जामा मस्जिद के इमाम मौलाना साजिद रजा को सद्र और शहर इमाम कारी अययूब नूरी को नायब सद्र बनाया गया। इस दौरान बारात के पकवान की तादाद भी सीमित कर गई। अब लड़की वाला बिरादी को खाना न देकर बारातियों को सिर्फ पांच तरह का खाना खिलाएगा। शादी से हल्द्वी, सगाई, त्यौहारी भेजना, गोद भराई, कहन-सुनन, चूड़ी पहनाई, बेपर्दगी पर भी पाबंदी लगाने का फैसला लिया गया है। नियमों का पालन कराने के लिए मोहल्ला स्तर पर कमेटी का गठन करने का फैसला लिया गया।युवतियों द्वारा दूल्हे व उसके साथियों का स्वागत।, खड़े होकर खाना, महिलाओं की बेपर्दगी।, मर्दों के साथ महिलाओं के खाने।, दहेज की मांग, आतिशबाजी, गाना, वीडियोग्राफी।, किसी भी त्यौहार पर त्यौहारी लेना।, दूल्हा दुल्हन का एक साथ बैठकर खाना खाना और नुमाइश।,लड़की वाले का बिरादरी को खाना देना।, बिना किसी वजह के तलाक देना।, रिश्ते में लड़के को सोने की अंगुठी देना या लड़के की मां व किसी भी रिश्तेदार को आाभूषण देना।
साथ ही इन पर भी लिया गया फैसला👇👇👇
- विवाह के प्रोग्राम में उलेमाओं से मशवरा करना।
- जन्मदिन पर बेहूदा रस्मों से परहेज।
- तलाक के मामलों में उलेमाओं को शरीक करना।
- बारात में पांच तरीके का खाना बनवाना होगा।
- लड़कियों का माबाइल फोन इस्तेमाल करना।
बता दें की मौलाना साजिद रजा, सद्र तहरीक इस्लाहे मुआशरा उलमा-ए-अहलेसुन्नत, जसपुर ने कहा की पिछले कई दिनों से नगर के प्रत्येक मोहल्ले की मस्जिदों में पहले लोगों को जागरूक किया। उसके बाद सभी बिरादरी के लोगों को जमा करके समाज में फैल रही बुराईयों पर चर्चा की। आम पांचायत में सभी की सहमति से नियम बनाए गए। नियमों का पालन न करने पर तय किया गया कि उलेमा उसका बायकाट कर नमाज-ए-जनाजा और निकाह तक नही पढ़ाएंगे।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना