उत्तराखंड: अभी हाल ही में देश को दो दो ऑस्कर मिले है जिसमे से ‘द एलीफैंट व्हिस्परर’ को भारत का पहला ऑस्कर मिला था बता दें की इस फिल्म में एक हाथी और मानव के बीच के पवित्र रिश्ते को दर्शाया गया है। ऐसा ही कुछ मिलता-जुलता पवित्र रिश्ता उत्तराखंड राज्य के अख्तर और उनके दो हाथियों रानी और मोती के बीच देख सकते हैं क्योंकि अख्तर ने अपने हाथी रानी को करोड़ो की संपत्ति का वारिस बनाया है। आपको बता दें की अख्तर शायद देश के पहले ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने अपने हाथियों के नाम 5 करोड़ की संपत्ति की है। अख्तर को चिंता है कि उनके न रहने पर उनकी हाथियों की देखभाल करने वाला कोई नहीं रहेगा, इसलिए अख्तर ने उन्हें 5 करोड़ की संपत्ति का वारिस बना दिया।
आपकी जानकारी के लिए बता दें की इस समय में 28 वर्षीय हाथी रानी अख्तर की संपत्ति की एकमात्र वारिस है, क्योंकि उसके साथी मोती की 35 वर्ष की आयु में कुछ महीने पहले मौत हो चुकी है। गौरतलब है कि अख्तर ने अपने एक पुराने वीडियो में कहा था कि वह नहीं चाहते कि उनके मरने पर उनके हाथी अनाथ हो जाएं।
बता दें की अख्तर ने कहा था, ‘हमने देखा है कि बहुत से हाथियों के मालिकों के मरने के बाद उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं होता है। वे भोजन, दवा और चिकित्सा उपचार की कमी से पीड़ित हैं। मैं नहीं चाहता कि मेरे हाथियों के साथ ऐसा हो और इसलिए मैंने अपनी संपत्ति उनके नाम कर दी है। वे मेरे परिवार के सदस्यों की तरह हैं’।
लेकिन ये बहुत बड़े दुख की बात है की अख्तर की साल 2021 में कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद उनकी संपत्ति के मालिक उनके दोनों हाथी हो गए थे। आपको बता दें की अख्तर के एशियन एलिफेंट रिहैबिलिटेशन एंड वाइल्डलाइफ एनिमल ट्रस्ट (AERWAT) फाउंडेशन के तहत रामनगर में हाथियों की देखभाल करने वाले वन्यजीव संरक्षणवादी इमरान खान ने कहा, “अख्तर इमाम स्वतंत्र भारत में संभवत: पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने अपनी संपत्ति हाथियों के नाम की।” इमाम ने अपने हाथियों की देखभाल के लिए ट्रस्ट बनाई थी। वहीं आपको बता दें की रानी की कहानी में एकमात्र मोड़ यह है कि वह रामनगर में है और संपत्ति पटना में है। अख्तर 2020 में अपने हाथियों को बिहार से उत्तराखंड के रामनगर में लाए थे, जब पहली बार कोविड-19 प्रतिबंध हटाए गए थे, क्योंकि उन्हें संदेह था कि उनकी जान को खतरा है। वह अपनी पत्नी और बेटों से भी अलग हो गए थे। लेकिन उनकी खुद की भविष्यवाणी सामने आई और नवंबर 2021 में कथित तौर पर उनकी हत्या कर दी गई। लेकिन अख्तर के सपने और अख्तर ने रानी के लिए जिस जीवन की कल्पना की थी, वह तभी पूरे हो सकते हैं जब कथित तौर पर दिवालिया AERWAT फाउंडेशन को पटना में रानी की संपत्ति के माध्यम से वित्तीय सहायता मिले।
रिपोर्ट- साक्षी सक्सेना