उत्तराखंड सरकार इन दिनों सरकारी जमीनों पर लोगों द्वारा किए गए कब्जे को लेकर सख्त है बता दें की कई धार्मिक अतिक्रमण को भी हटाया जा रहा है बता दें की अब तक की मिली जानकारी के अनुसार हरिद्वार और नैनीताल में सरकारी जमीनों पर सबसे ज्यादा कब्जे किए गए हैं। आपको बता दें की पूरे प्रदेश में सरकारी जमीनों पर 3793 कब्जे चिह्नित किए गए हैं। इनमें से आधे से ज्यादा करीब 2600 कब्जे इन दोनों जिलों में किए गए हैं। प्रदेश में अब तक 1288 कब्जे हटाकर सरकारी जमीन को मुक्त कराया गया है।
आपको बता दें कि बीते 29 अप्रैल को राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी जमीनों पर कब्जे हटाने के निर्देश दिए थे। बता दें की इसके लिए नोडल अफसर एडीजी कानून व्यवस्था डॉ. वी मुरुगेशन को बनाया गया था। उन्हें ही प्रत्येक जिले के जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान प्रतिदिन कार्रवाई और चिह्नीकरण की रिपोर्ट दे रहे हैं। वहीं शासन से मिली जानकारी के अनुसार सात मई तक प्रदेश में अवैध कब्जों की सूची तैयार की गई है। इनमें वन विभाग, विकास प्राधिकरण, नगर निकाय, ग्राम पंचायतों आदि के कब्जे चिह्नित किए जा रहे हैं।
सरकार द्वारा चलाए गए अभियान के तहत सबसे ज्यादा राज्य के नैनीताल जिले में 1433 अवैध कब्जे चिह्नित किए गए हैं। जबकि, दूसरे नंबर पर हरिद्वार जिला है। यहां 1149 कब्जे हैं। तीसरा नंबर चमोली जिले का है। यहां पर 423 अवैध कब्जेदार हैं। देहरादून की बात करें तो यहां पर कुल 37 कब्जों के लिए लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। सात दिनों में यहां पर 14 नए कब्जे सामने आए हैं। इनमें बीते 30 अप्रैल से बड़े स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। जबकि, रुद्रप्रयाग में पांच जगह कब्जे हैं। बता दें की सरकारी जमीनों पर सबसे ज्यादा नैनीताल जिले में है। जबकि, यहां पर सात दिनों में कुल 19 कब्जे हटाए गए हैं। हरिद्वार में सबसे ज्यादा 1068 अवैध कब्जे हटाकर सरकारी जमीनें मुक्त कराई गई हैं। देहरादून में तीन कब्जे हटाए गए हैं।
वहीं डॉ. वी मुरुगेशन, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा की अवैध कब्जों के चिह्नीकरण की प्रतिदिन रिपोर्ट ली जा रही है। इसे शासन को भी अवगत कराया जा रहा है। लगातार अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है। सभी जिलों को कार्रवाई तेज करने के लिए कहा गया है।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना