उत्तराखंड: राज्य में वीजा उल्लंघन के मामले में सात बांग्लादेशियों अपर सत्र न्यायाधीश चंद्रमणि राय की अदालत ने पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। बता दें की ये लोग अवैध रूप से भारत में रहने (वीजा उल्लंघन) रहे थे। इसके अलावा जानकारी के लिए बता दें की इन सात दोषियों पर अदालत ने 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसके साथ ही जानकारी के लिए बता दें की डकैती के दो मामलों में न्यायालय ने सात बांग्लादेशियों समेत आठ को बरी कर दिया। घटना के बाद से सभी दोषी जेल में बंद हैं।
वहीं आपको बता दें की बचाव पक्ष के अधिवक्ता आशुतोष गुलाटी ने बताया कि 26 अप्रैल 2017 को साकेत कालोनी निवासी सुमित टंडन के घर पर डकैती हुई थी। हथियारों से लैश बदमाशों ने वहां मौजूद महिलाओं से गहने और नकदी लूट ली। इस मामले में डालनवाला कोतवाली पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। बता दें की करीब डेढ़ माह बाद 17 जून साल 2017 को डोईवाला में तक्ष ढौंढियाल के घर पर बदमाशों ने डकैती की घटना को अंजाम दिया। यहां से भी बदमाशों ने गहने और नकदी लूटी थी।
बता दें की राजधानी के डोईवाला कोतवाली पुलिस ने कुछ दिन बाद अपने क्षेत्र में हुई इस डकैती की घटना का पर्दाफाश करते हुए आठ बदमाशों को गिरफ्तार करने का दावा किया। बता दें की गाजियाबाद से गिरफ्तार बदमाशों में नजरूल, मोनू उर्फ घोलू, दुलाल, आलमगीर, दुलाल, बादल और शौकीर बांग्लादेश मूल के थे। जबकि एक चांद कुरैशी भारतीय निवासी था। बता दें की इनके पास से डालनवाला कोतवाली क्षेत्र में हुई डकैती में लूटे गए जेवरात भी बरामद करने का पुलिस ने दावा किया। साथ ही बता दें की इन बदमाशों के खिलाफ वीजा उल्लंघन करने पर भी विदेशी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
इसके अलावा जानकारी के लिए बता दें की दोनों मुकदमों में विवेचना पूरी कर करीब दो माह बाद चार्जशीट दाखिल की। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने भी आरोपितों के पक्ष में गवाह पेश किए। दोनों ओर की जिरह सुनने के बाद बीते शनिवार को अदालत ने अपना फैसला सुना दिया। डकैती के आरोप से सभी आठ आरोपितों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया। जबकि बता दें की अवैध रूप से भारत में रहने के दोष में सात बांग्लादेशियों को सजा सुनाई गई।
रिपोर्ट– साक्षी सक्सेना