उत्तराखंड: राज्य में हुए डॉक्टर की फर्जी डिग्री बेचने वाले गिरोह के पर्दाफाश के बाद जांच में लगातार नए नए खुलासे हो हो रहे है साथ ही इनके काले कारनामे भी सामने आ रहे है आपको बता दें की राज्य में बीएएमएस समेत अन्य जाली डिग्री बेचने वाले गिरोह के सरगना इमलाख के काले कारनामे उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि कई राज्यों में फैले हुए हैं। बता दें की इन आरोपित से देश के कई बड़े राज्यों में दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों के दस्तावेज बरामद किए गए हैं। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इमलाख रुपये लेकर किसी भी प्रदेश के विवि की डिग्री तैयार कर लेता था। आपको बता दें की इमलाख से मिनिस्ट्री आफ पब्लिक हेल्थ आफ यूक्रेन के दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। ऐसे में केस की जांच कर रही एसआइटी को संदेह है कि कोरोनाकाल में यूक्रेन से लौटे भारतीय मूल के छात्रों के भी प्रमाणपत्र इमलाख ने तैयार किए हैं। इसपर पर भी एसआइटी जांच कर रही है। बता दें की बीते मंगलवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने पत्रकार वार्ता में बताया कि दो दिन की पुलिस रिमांड के दौरान इमलाख से काफी जानकारियां हासिल हुई हैं।
आगे उन्होंने बताया कि इमलाख से बड़ी संख्या में विभिन्न राज्यों के विश्वविद्यालय के दस्तावेज बरामद हुए हैं। साथ ही 51 जाली मुहरें भी मिलीं हैं, इनसे वह जाली डिग्रियां तैयार करता था। बता दें की एसएसपी के अनुसार, जांच के दौरान एक और झोलाछाप की गिरफ्तारी हुई है। आरोपित की पहचान राजेंद्र प्रसाद उनियाल निवासी ग्राम मजगांव, चंबा, टिहरी गढ़वाल के रूप में हुई है। राजेंद्र सिंह ने भी इमलाख से बैचलर आफ इलेक्ट्रो होम्योपैथी मेडिसन एंड सर्जरी (बीईएमएस) की जाली डिग्री छह लाख रुपये में खरीदी थी। अब तक इस प्रकरण में गिरोह के सरगना समेत 12 की गिरफ्तारी हो चुकी है।
बता दें की पुलिस ने इमलाख से रिमांड के दौरान बड़ी संख्या में दस्तावेज बरामद किए। इन दस्तावेजों में अलग-अलग राज्यों के विश्वविद्यालयों की मुहरें, अभ्यर्थियों के अंकपत्र, अंकपत्रों की बुकलेट, जिनमें कुछ छपे हुए और कोरे भी पाए हैं। इसके अलावा बता दें की चिकित्सकों के भारतीय चिकित्सा परिषद में पंजीकरण के प्रमाणपत्र, विश्वविद्यालयों के प्रिंटेड लिफाफे, लैटरपैड, प्रोवीजनल प्रमाणपत्र, चिकित्सा दक्ष प्रमाणपत्र भी पाए गए हैं। पुलिस अब इन दस्तावेजों की जांच कराएगी कि आरोपित इमलाख ने इन्हें कैसे हासिल किया और अगर खुद ही तैयार किए हैं तो इनकी छपाई कहां से कराई है। बता दें की पुलिस को संदेह है कि इमलाख ने बड़ी संख्या में युवाओं को बीएएमएस के अलावा अन्य कोर्स की भी डिग्री बेची हैं। इसकी भी जांच कराई जा रही है।