करोड़ो की जायदाद का वारिस निकला “कलियर में बेसहारा घूमने वाला मासूम, वक़्त की गर्दिश से छाए थे मुसीबत के बादल है एक झटके में छायी खुशहाली, एक मासूम के फर्श से अर्श पर पहुंचने की सच्ची कहानी..
उत्तराखंड: किस्मत जब मेहरबान होती है तो फर्श से अर्श पर पहुंचने में वक्त नहीं लगता। दो वक्त की रोटी के लिए कभी चाय की दुकान पर झूठे बर्तन धोने तो कभी दूसरों के आगे हाथ फैलाने वाले एक मासूम की जिंदगी अचानक ऐसे बदली कि हर कोई हैरान है। या फिर यूं कहें कि वक़्त की गर्दिश से एक मासूम की जिंदगी पर छाए मुसीबत के बादल एक झटके में छंट गए और खुशियों की बारिश होने लगी। यह किसी बॉलीवुड फिल्म की कहानी नहीं, बल्कि अकीदत की नगरी पिरान कलियर में करिश्मा जैसी हकीकत की कहानी सामने आई है। बेसहारा घूमने वाले एक साधारण से लड़के को न सिर्फ उसका खोया हुआ परिवार मिल गया, बल्कि सहारनपुर उत्तर प्रदेश में वह अपने करोड़ों की पुश्तैनी जायदाद का मालिक भी बन गया।
आपको बता दें की 12 साल का मासूम शाहजेब अली कोरोना कॉल में अपनी माँ इमराना को खो चुका था, माँ करीब 4 साल पहले बेटे शाहजेब को लेकर कलियर आगई थी, जिसकी परिजनों ने काफी तलाश की लेकिन उसका कुछ पता नही चल सका। माँ के जाने के बाद शाहजेब लावारिस जिंदगी जी रहा था, चाय व अन्य दुकानों पर काम करने के साथ-साथ दो वक़्त की रोटी के लिए लोगों के आगे हाथ भी फैलाने को मजबूर हो जाता था। सहारनपुर के एक गांव से कुछ साल पहले अपने लगभग 8 साल के बेटे को लेकर घर से निकल आई मां से गलती हुई तो बेटे को डराया और बताया कि घर वापस गए तो परिवार वाले बख्शेंगे नहीं। कम उम्र होने के चलते बेटे के मन में यह बात बैठ गई है और कोरोना कॉल में मां इसी डर के साथ बेटे को छोड़कर दुनिया को अलविदा कह गई। तब से बेटा लावारिस के तौर पर जिंदगी गुजारता रहा था।
घर से पत्नी सहित बेटे के गायब होने के सदमे में पिता ने दम तोड़ दिया। लेकिन सरकारी शिक्षक रह चुके दादा ने बेटे के बाद उसकी निशानी को ढूंढने को बहुत जद्दोजहद की, पर कोई फायदा नहीं हुआ। यहां तक कि दादा भी चल बसे। अलबत्ता दुनिया से जाते जाते वह इंसाफ कर गए और अपनी आधी मिल्कियत का मालिक मासूम लापता पोते और आधी जायदाद दूसरे बेटे के नाम पर की। दादा ने अपनी वसीयत में लिखा कि जब कभी भी मेरा पोता वापस आता है तो आधी जायदाद उसे सौंप दी जाए। मासूम को उसकी बुआ समेत परिवार के लोग सदस्य तलाश रहे थे। मोबाइल पर फोटो भी वायरल हो रही थी। जिसमें उसे ढूंढ कर लाने वाले के लिए इनाम की पेशकश भी की गई थी। इसी दौरान एक व्यक्ति की नजर मासूम पर पड़ी और जब उससे उसकी जानकारी ली तो पूरा मामला साफ हो गया, सोशल मीडिया पर वायरल फोटो से जब उसका मिलान किया तो हुबहू सकल पाई। जिसके बाद परिवार को जानकारी दी गई। कई साल से बिछड़े मासूम को पाकर परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बेचारे की जिंदगी गुजारने वाला एक मासूम अब ना सिर्फ एक बड़े और खानदानी परिवार का हिस्सा है बल्कि अच्छी खासी मिल्कियत का वारिस भी है।