उत्तराखंड में लगातार फिल्म आदिपुरुष को लेकर विरोध देखने को मिल रहा है। बता दें की अब चमोली के जोशीमठ में स्थित ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने फिल्म ‘आदिपुरुष’ के विवाद पर खुलकर बात रखी। बता दें की उन्होंने कहा कि आदिपुरुष जैसी गतिविधियां भावी पीढ़ी के मन में अनास्था उत्पन्न करने का प्रयास है ऐसी गतिविधियों पर पूरी तरह अंकुश लगना चाहिए। साथ ही शंकराचार्य ने कहा कि संत समाज ने इस दिशा में एक धर्म सेंसर बोर्ड गठित किया है, जिसको लेकर अध्ययन चल रहा है। उन्होंने जोशीमठ की जनसमस्याओं के समाधान के प्रति संत समाज की प्रतिवद्धता भी दोहराई।
आपको जानकारी के लिए बता दें की अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जोशीमठ से श्रीनगर पहुंचे, जहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में जोशीमठ की समस्याओं का समाधान नहीं होने पर गहरी चिंता व्यक्त की। साथ ही बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के कार्यों से धाम की दिव्यता प्रभावित ना हो इसका संपूर्ण ध्यान रखे जाने के प्रति भी सरकार को आगाह भी किया। साथ ही उन्होंने फिल्म आदिपुरुष पर जारी विवाद पर कहा कि यह केवल एक फिल्म की बात नहीं है आज आदिपुरुष है कल कोई और होगा इससे पहले जाने और कितने हो चुके हैं।
शंकराचार्य ने कहा कि पूरा संत समाज इसको लेकर चिंतित है. संत समाज ने एक धर्म सेंसर बोर्ड बनाया है, जिसका अभी अध्ययन चल रहा है कि कैसे उसका कार्य शुरू किया जाए. उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियों पर पूरी तरह अंकुश लगाना हिंदू समाज के हित के लिए बहुत आवश्यक हो गया है. इस दिशा में हम बहुत ही गंभीरतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा, आदिपुरुष जैसी गतिविधियां बहुत आपत्तिजनक हैं. यह ऐसी बातें हैं, जो हमारे बच्चों के मन में हमारे देवी-देवताओं के प्रति अनास्था उत्पन करने का प्रयास है.
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर भी जोशीमठ की समस्याओं के समाधान के प्रति ध्यान केंद्रीत करने के लिए कहा है. पत्र में जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव की घटनाओं, विशेषज्ञों की जांच और रिपोर्ट के सर्वाजनिक नहीं किए जाने की बात भी कही गई है. जोशीमठ से जुड़ी समस्त जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि जोशीमठ में लोग बहुत चिंतित हैं. भू-धंसाव ने लोगों की रातों की नींद व दिन का चैन छीन रखा है. उन्होंने कहा कि जोशीमठ के लोगों की पीड़ा में ज्योतिष्पीठ उनके साथ खड़ा है. बाइपास सड़क निर्माण ज्योतिष्पीठ तीर्थ की उपेक्षा है.
जोशीमठ की समस्याओं का समाधान जल्द नहीं होने पर संत समाज का अगला कदम क्या होगा, के सवाल पर अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि समस्या का समाधान होगा, करना पड़ेगा. समाधान न करने का कोई सवाल ही नहीं है. जब तक जोशीमठ की जनता की मूलभूत समस्याओं का समाधान नहीं होता है, संत समाज उनके हितों की सुरक्षा के लिए निरंतर कार्य करेगा।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना