उत्तराखंड: युवाओं की जिंदगी के साथ छेड़छाड़ करने का मामला सामने आया है बता दें की सेना भर्ती का प्रशिक्षण ले रहे युवाओं को स्टेरायड के इंजेक्शन दिया है। बता दें की रानीखेत के एक प्रशिक्षण केंद्र में मुख्य प्रशिक्षक की गैरमौजूदगी में वैकल्पिक व्यवस्था पर रखे गए अस्थाई पीटीआइ पर आरोप है कि उसने युवाओं को कड़ी मेहनत के बजाय ताकत बढ़ाने को स्टेरायड लेने के लिए उकसाया। यही नहीं एक इंजेक्शन के 600 से 4800 रुपये वसले गए।
मामला तब खुला जब एक प्रशिक्षु का स्वास्थ्य बिगड़ने पर उसे चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। इधर आरोपित अस्थायी पीटीआइ के विरुद्ध केंद्र संचालक ने कोतवाली में तहरीर दे दी है और पुलिस जांच में जुट गई है।
विभिन्न क्षेत्रों से युवा लेते हैं प्रशिक्षण
जानकारी के मुताबिक फौज में भर्ती होकर देशसेवा का सपना संजोए युवाओं को प्रशिक्षित करने को रानीखेत में एक प्रशिक्षण केंद्र संचालित हो रहा है। यहां विभिन्न क्षेत्रों से युवा प्रशिक्षण लेते हैं। केंद्र संचालक के अनुसार हल्द्वानी निवासी मुख्य पीटीआइ मनीष गोस्वामी स्वास्थ्य खराब होने पर बीती 10 मई को छुट्टी पर गया।
ट्रेनिंग प्रभावित न हो, इसके लिए उसने रवींद्र कुमार नामक एक पूर्व खिलाड़ी को कुछ दिनों के लिए पीटीआइ की जिम्मेदारी सौंपी। बीते 18 जून को रामनगर निवासी एक प्रशिक्षु का अचानक स्वास्थ्य बिगड़ गया। उसे नागरिक चिकत्सालय में भर्ती कराया गया। केंद्र संचालक के मुताबिक इस बीच मुख्य प्रशिक्षक मनीष भी लौट आया।
ताकत और स्टेमिना बढ़ाने को स्टेरायड के लिए उकसाता था
अन्य प्रशिक्षु युवाओं से पूछताछ पर चौंकाने वाली बात सामने आई। पता लगा कि अस्थायी पीटीआइ युवाओं को ताकत और स्टेमिना बढ़ाने को स्टेरायड के लिए उकसाता था। उसने इंजेक्शन के रुपये भी लिए।
अंदेशा जताया कि इंजेक्शन लेने के बाद ही प्रशिक्षणार्थी का स्वास्थ्य खराब हुआ। तभी से अस्थायी पीटीआइ बगैर सूचना चलता बना। वहीं बीमार प्रशिक्षु को उसके पिता के सुपुर्द कर बीती 20 जून को केंद्र संचालक की ओर से कोतवाली में आरोपित के विरुद्ध कोतवाली में तहरीर दी गई।
वहीं हेमचंद्र पंत, कोतवाल ने कहा की मामला संज्ञान में है। इसकी जांच शुरू कर दी गई है। आरोपित को कोतवाली बुलवाया गया है। जांच के बाद ही वास्तविकता सामने आएगी। हमारी अपील है कि सेना व फोर्स में भर्ती होने के लिए युवा कड़ी मेहनत करें। स्टेरायड व अन्य नशीले पदार्थों का सेवन क्षणिक लाभ तो देता है लेकिन यह घातक हैं। इनसे लाभ कम नुकसान ही होता है। युवा किसी के बहकावे में आकर जीवन से खिलवाड़ न करें।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना