उत्तराखंड: राज्य के नैनीताल जिले की नदियों से 108क्विंटल से अधिक खनिज निकालने पर नैनीताल हाईकोर्ट ने पाबंदी लगा दी है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि नैनीताल जिले की गौला, कोसी और अन्य नदियों स्थित है इन नदियों में से 108 क्विंटल से अधिक खनिज ले जाने पर रोक लगा दी है। साथ ही बता दें की कोर्ट ने आरटीओ को आदेश दिए हैं कि वह मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों, केंद्र सरकार की ओवरलोडिंग नियमावली और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का कड़ाई से पालन कराएं। साथ हाईकोर्ट ने सरकार सहित अन्य को इस प्रकरण पर आने वाली 19 जुलाई से पहले जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
साथ ही जानकारी के लिए ये भी बता दें की नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार हल्दूचौड़ निवासी गगन पराशर ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि खनन में लगे वाहनों के लिए जिला खनन समिति द्वारा मोटर व्हीकल एक्ट के तहत एक लिमिट तय की गई थी जिसमें 108 क्विंटल तक ही खनन सामग्री वाहनों में लोड की जा सकती है लेकिन सरकार ने 30 जनवरी 2023 को शासनादेश जारी कर 108 क्विंटल से अधिक खनिज सामग्री ले जाने की छूट दे दी थी। साथ ही ओवरलोडिंग करने पर उन्हें रॉयल्टी देने के लिए भी कहा जबकि पहले ओवरलोडिंग करने वाले वाहनों के दूसरे दिन आने पर पाबंदी थी।
वहीं बता दें की याचिकाकर्ता का कहना था कि सरकार ने ऐसा आदेश जारी कर ओवरलोडिंग को बढ़ावा दिया है। इसलिए इस पर रोक लगाई जाए। केंद्र सरकार और सर्वोच्च न्यायालय ने ओवरलोडिंग पर 2005 में पूर्ण रूप से पाबंदी लगा रखी है। अतिभार ढोने वाले वाहनों से हाईवे और गांव की सड़कें क्षतिग्रस्त हो रहीं हैं।