उत्तराखंड: राज्य के कई जिलों में जिन लोगों ने सरकारी जमीनों पर कब्जे कर रखें हैं उनके खिलाफ लगातार ध्वस्तिकरण की कार्रवाई की जारी है इसी क्रम में आपको बता दें की राजधानी देहरादून जिले के विकासनगर में अवैध कब्जा ध्वस्तिकरण पर बड़ी कार्रवाई की गई है। बता दें की सरकारी जमीनों में बनी मजारों को ध्वस्त किया गया है। आपको बता दें की कालसी वन प्रभाग की तिमली रेंज में वनकर्मियों ने मजार हटाने का काम शुरू कर दिया है।
बता दें की विकासनगर के तिमली रेंज के जंगल से दो मजार हटाई गई हैं। रेंजर मुकेश कुमार के अनुसार रेंज के आरक्षित वन क्षेत्र में आधा दर्जन के आसपास मजार हैं, जिन्हें हटाया जा रहा है।वहीं यूजेवीएनएल की मुनादी के बाद शक्ति नहर डाकपथर के किनारे बसे लोगों ने अपने घरों से सामान निकाल कर दूसरी जगह शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। निगम प्रशासन फिलहाल सत्यापन की कार्रवाई कर रहा है जल्द ही अवैध निर्माणों को तोड़ा जाएगा।
आपको साथ ही ये भी बता दें की डाकपत्थर से कुल्हाल तक शक्तिनहर किनारे की सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे हटवाने को प्रशासन व यूजेवीएनएल अलर्ट मोड पर है। यहां जेसीबी व ट्रैक्टर ट्रालियों को तैनात किया गया है। जो खुद जमीन खाली नहीं करेंगे उनपर जेसीबी गरजेगी।वहीं अवैध कब्जाधारियों में घर टूटने को लेकर बेचैनी छाई है। जो सरकारी अधिकारियों, क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों व विधायक तक अपनी गुहार लगा रहे हैं। जल विद्युत निगम के अधिशासी अभियंता अभय सिंह का कहना है कि 11 मार्च तक का अवैध कब्जाधारियों को स्वयं ही कब्जा हटाने के लिए समय दिया गया था। स्वयं ही कब्जाधारी जमीन खाली कर दें तो ज्यादा अच्छा होता। निगम नहीं चाहता कि किसी को असुविधा हो।
बता दें की इससे पहले अवैध कब्जे ध्वस्त करने को बीते रविवार को एसपी देहात, एसडीएम और यूजेवीएनएल अधिकारियों ने बैठक कर विचार मंथन किया और रूपरेखा बनाई। संबंधित अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया कि कब्जेधारी खुद निगम की जमीन को खाली कर दें, नहीं तो उनसे ही तोड़ने का खर्च वसूला जाएगा। फिल्हाल, कब्जे हटाने से पहले सरकारी जमीन पर अवैध रूप से रह रहे परिवारों का प्रशासन सत्यापन करा रहा है।
बता दें डाकपत्थर से कुल्हाल तक शक्तिनहर के किनारे करीब नौ सौ अवैध कब्जे हैं। सरकारी जमीन को खाली कराने के लिए जल विद्युत निगम प्रशासन लंबे समय से प्रयास कर रहा है। अवैध कब्जे चिह्नित कर ध्वस्तीकरण के लिए मकानों पर लाल निशान लगाए गए। नोटिस थमाए गए, मुनादी कराकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने का स्पष्ट संदेश दिया गया। उसके बाद भी अवैध कब्जेधारियों ने जमीनें खाली नहीं की। जिसके बाद प्रशासन ने सख्त रवैया अपना लिया है।
इसके अलावा आपको बता दें की शक्ति नहर किनारे जल विद्युत निगम की जमीन पर अवैध रूप से बनी बस्तियों को ध्वस्त करने के लिए रविवार को बैठक हुई। इसमें पुलिस अधीक्षक ग्रामीण कमलेश उपाध्याय, एसडीएम विनोद कुमार, निगम के डीजीएम हेमंत श्रीवास्तव, अधिशासी अभियंता अभय सिंह, तहसीलदार चमन सिंह, पुलिस क्षेत्राधिकारी संदीप नेगी आदि ने विचार विमर्श किया। बता दें अधिकारियाो ने कब्जे हटवाने को दर्जन भर जेसीबी और ट्रैक्टर ट्रालियां की व्यवस्था कर ली है। बैठक में अधिकारियों ने यह रूपरेखा बनाई कि सरकारी जमीन कैसे खाली कराई जाएगी। अधिकारियों ने अवैध रूप से रह रहे परिवारों का सत्यापन भी शुरू करा दिया है। प्रशासन की सख्ती से अवैध कब्जेधारियों की रात की नींद उड़ गई है।
रिपोर्ट- साक्षी सक्सेना