उत्तराखंड: राज्य में लगातार सरकारी के नाम पर और अलग अलग तरीकों से ठगी के मामले सामने आ रहें हैं आपकी जानकारी के लिए बता दें की राजधानी देहरादून में भारतीय युवा खेल परिषद की फर्जी वेबसाइट बनाकर युवाओं से ठगी करने वाले गिरोह ने पूरा सिस्टम सरकारी जैसा बनाया हुआ था। बता दें की इन आरोपितों ने नोएडा में एक आलीशान कार्यालय खोला हुआ था, जिस पर बाहर से भारतीय युवा खेल परिषद के नाम का बोर्ड लगाया हुआ था।
साथ ही आपको बता दें की इस गिरोह के सरगना आनंद मेहतो ने अपने कार्यालय के बाहर भारतीय युवा खेल परिषद के प्रशासक का बोर्ड लगाया हुआ था। बता दें की इस के पास ही योगेंद्र कुमार का कार्यालय था, जिसकी दीवार पर डायरेक्टर का बोर्ड टंगा हुआ था। जब पूछताछ में आरोपित आनंद मेहतो ने एसटीएफ को बताया कि वह इंटरमीडिएट पास है। कुछ माह पहले उसकी मुलाकात बिहार निवासी मनीष कुमार से हुई थी
आरोपी आनंद ने एसटीएफ को बताया की मनीष ने ही आनंद मेहतो को इस गोरखधंधे की योजना बताई। इसके बाद आनंद मेहतो ने योगेंद्र कुमार के साथ मिलकर भारतीय युवा खेल परिषद के नाम से फर्जी वेबसाइट बनाई और फर्जी आइडी पर एक सिम लेकर फोन नंबर उसमें दे दिया।आरोपितों ने वेबसाइट में आनलाइन भर्ती फार्म का आप्शन दिया, जिसमें आवेदन के समय रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में 700 रुपये फीस रखी गई। आरोपितों ने युवाओं को सरकारी नौकरी और प्रशिक्षण दिलाने के नाम पर कमीशन एजेंट भी रखे थे।
बता दें की इस गिरोह में शामिल प्रति युवक व युवती को कमीशन के रूप में 10 से 40 हजार रुपये दिया जाता था। कमीशन एजेंट के इच्छुक युवकों से भारतीय युवा खेल परिषद में प्रशिक्षण और नौकरी के नाम पर डेढ़ से दो लाख रुपये यूथ एसोसिएशन के नाम से खोले गए खाते में जमा कराते थे। गिरोह ने युवकों को प्रशिक्षण देने के लिए अलग से प्रशिक्षक भी रखे थे, जिन्हें 15 से 20 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाता था
साथ ही आपको बता दें की एसटीएफ द्वारा की गई पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वह युवाओं को झांसे में लेने के लिए आलीशान कार्यालय खोलते थे। कुछ समय ठगी करने के बाद वह कार्यालय बदल लेते थे। आरोपितों की ओर से फर्जी नियुक्तिपत्र भी तैयार किए हुए थे। यह नियुक्तिपत्र उन युवक-युवतियों को दिए जाते थे, जो कि डेढ़ से दो लाख रुपये की धनराशि दे देते थे।बेरोजगार युवक व युवतियों को विश्वास में लेने के लिए गिरोह ने वेबसाइट भी हुबहु सरकारी जैसी बनाई थी। वहीं इसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की फोटो व वीडियो अपलोड किए हुआ थे। वेबसाइट पर खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ स्लोगन भी लिखे थे।