उतराखंड: राज्य के अल्मोड़ा जिले की रहने वाली रोशनी की दर्दनाक कहानी जिसने भी सुनी सुनकर दिल झकझोर गया। बता दें की रोशनी का पहला नाम रोशन था पर अपने साथ अत्याचार के बाद रोशन बानो से रोशनी बन गई। बता दें ये उन महिलाओं के लिए बुलंद आवाज बनकर उभरी है को महिलाओ अपने साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद नही कर पाती या समाज के डर से पीछे हो जाती है। इन्हें देखकर लोग गर्व से कह सकते है बेटी हो तो ऐसी। आपको बता दें की राज्य के अल्मोड़ा में जन्मी और पलीबढ़ी रोशन अपने पिता व भाई के अत्याचार से इस कदर आहत हुई कि मुस्लिम धर्म छोड़ सनातनी हो गई। कहा कि हिंदू धर्म में लड़कियों व महिलाओं के हक व इज्जत की बात की जाती है। बता दें की रोशन को रिश्तेदारी में ही शादी की परंपरा खटकती आई है। वहां नारी को ही आवाज उठाने पर गलत ठहराकर फतवा जारी कर दिया जाता है। इसलिए अब सनातन को आत्मसात कर अपनी आने वाली पीढ़ी को भी वैदिक संस्कृति से जोड़ संस्कार दूंगी।
आपको बता दें की रोशन बनो से बनी रोशनी की जिंदगी की कहानी बेहद मार्मिक और झकझोरने वाली है। जिसने भी सुनी सुनकर दंग रह गया। रोशनी ने बताया की सनातन में महिलाओं को सम्मान देना सिखाया जाता है। महिला के साथ गलत होने पर पुरुष समाज भी पीड़िता के पक्ष में उठ खड़ा होता है। जबकि मुस्लिम समुदाय में अत्याचार के विरुद्ध बोलने वाली महिला को ही गलत साबित कर दिया जाता है। भेदभाव इस कदर कि स्त्री को पैर की जूती समझा जाता है। यह सब उसने अपने ही घर में देखा है।रोशनी कहतीं हैं कि वह घर में सबसे बड़ी है इसलिए बेटा होने का फर्ज निभाती आई। उन्होंने आगे कहा की साल 2012 में यूपी के बरेली से नर्सिंग का कोर्स पूरा करने के बाद हवालबाग ब्लाक (अल्मोड़ा) में पहली तैनाती मिली। नौकरी के साथ एसएसजे कैंपस अल्मोड़ा से बीए फिर एमए किया। 2017 में नागरिक चिकित्सालय रानीखेत में बतौर स्टाफ नर्स ज्वाइन किया। नौकरी के साथ-साथ भाई को बीएड और बहन को नर्सिंग कालेज में दाखिला दिला। सबसे छोटी बहन को उच्च शिक्षा दिलाई। मगर उसके समर्पण का मोल नहीं समझा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाई हिंसक प्रवृति का है। बैंक से लोन लेकर जो मकान जोड़ा है भाई उसे अपने नाम कराने के लिए लड़ने लगा। समझाया कि अभी मकान बैंक लोन पर है तो उसे पीटा गया। पिता के सामने भाई ने मुंह से खून निकाला पर वह भी अन्याय का साथ देने लगे।
आपको बता दें की रोशनी ने बताया की राज्य के अल्मोड़ा के टम्टा मोहल्ला अल्मोड़ा निवासी पिता बशीर अहमद प्रताड़ित कर कहते थे कि पेड़ हमने लगाया है तो फल भी हम ही खाएंगे। जन्म दिया है तो कत्ल भी कर देंगे। इस पर उसने कोतवाली में तहरीर दी। तब उसके पिता ने माफीनामा दिया। वह रानीखेत में किराए में रहने लगी तो स्वजन वहां आकर भी मारपीट करते थे। घर ले जाने व जान से मारने की धमकी देते रहे। पिता होने के बावजूद वह चाहते थे कि बेटी मर जाएगी तो प्रापर्टी उनके नाम हो जाएगी। आखिर में परिवार की प्रताड़ना से तंग आकर उस सनातन को अपनाने का निर्णय लिया जहां बेटियों व महिलाओं को सम्मान दिया जाता है। 2022 में रोशनी ने स्वजन से रिश्ता तोड़ उन्हें अपनी संपत्ति से भी बेदखल कर दिया। धमकियों के बीच रानीखेत पुलिस व प्रशासन के सहयोग को रोशनी ने सराहनीय बताया।
आगे आपको बता दें की गोविंद सिंह माहरा नागरिक चिकित्सालय रानीखेत की स्टाफ नर्स रोशनी ने बताया कि ऐसा नहीं है कि मैं किसी से प्रभावित हूं। अपने ही घर-परिवार से प्रताड़ित हूं। जिस गाड़ी से दुर्घटना हो जाए दोबारा उसमें बैठने से डर लगता है। मेरे साथ तो उत्पीड़न हुआ है। मानसिक प्रताड़ना दी गई। अवसाद की दवाएं खाई। कैसे भूल सकती हूं कि तबीयत बिगड़ी तो मेरी चेन तक उतार ली गई। ऐसे में मैं कैसे वापस जा सकती हूं। मरना पसंद है लेकिन अपने समुदाय में वापस नहीं जाऊंगी। मैने एसडीएम कार्यालय हल्द्वानी में सूचना देने के बाद अनुमति मिलने पर चार दिसंबर 2022 को आर्य समाज मंदिर हल्द्वानी में स्वेच्छा से सनातन को अपना लिया। मैं चाहूंगी कि मेरी आने वाली पीढ़ी वैदिक संस्कृति व शास्त्रों का ज्ञान ले और नारी को सम्मान देने वाले सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार भी करे। साथ ही बता दें की रोशनी को सनातन स्वीकार करने पर लोग शुभकामनाएं दे रहे हैं।