उत्तराखंड: राज्य के पिथौरागढ़ जिलेे के धारचूला के घटखोला में तटबंध निर्माण के दौरान नेपाल की ओर से पत्थरबाजी की गई। पत्थर फैंकने से वहां अफरा-तफरी मच गई। तटबंध निर्माण के दौरान नेपाल की ओर से कई बार पत्थरबाजी की जा चुकी है। धारचूला में काली नदी के कटाव से सुरक्षा के लिए तटबंध का निर्माण किया जा रहा है।धारचूला में कटाव से सुरक्षा के लिए तटबंध का निर्माण कर रहे मजदूरों में अचानक अफरा-तफरी मच गई। नेपाल की ओर से पत्थरबाजी शुरू होने से मजदूर इधर-उधर भागने लगे। बता दें की कटाव से सुरक्षा के लिए तटबंध का निर्माण कर रहे मजदूरों में अचानक अफरा-तफरी मच गई। नेपाल की ओर से पत्थरबाजी शुरू होने से मजदूर इधर-उधर भागने लगे।
जानकारी के मुताबिक रविवार को धारचूला के घटखोला में तटबंध निर्माण के दौरान जब कंस्ट्रक्शन कंपनी के मजदूर तटबंध निर्माण के कार्य में लगे थे तभी नेपाल की ओर से कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया निर्माण स्थल पर पथराव करने से अफरा-तफरी मच गई निर्माण में लगे मजदूर पत्थरों से बचने के लिए इधर-उधर भागे। नेपाल की ओर से पहले भी तटबंध निर्माण के दौरान पथराव किया गया था। बता दें की भारत अपने क्षेत्र में तटबंध निर्माण का कार्य कर रहा है बावजूद इसके नेपाल की ओर से लगातार आपत्ति जताते हुए कुछ असामाजिक तत्व पथराव कर रहे हैं। पहले भी कई बार नेपाल की ओर पथराव किया जा चुका है। इसको लेकर भारतीय क्षेत्र में भी नाराजगी व्याप्त है।
आपको बता दें की पड़ोसी देश नेपाल के लोगों का इसलिए विरोध रहता है कि भारत की ओर तटबंध बनने से उनकी ओर काली नदी से कटाव होगा। 9 सितंबर को आई भीषण आपदा के कारण भारी मात्रा में काली नदी का मलबा घटखोला में जमा हो गया है। मलबा जमा होने से तटबंध के निर्माण में बाधा पहुंच रही है। दो दिन पूर्व धारचूला के संयुक्त मजिस्ट्रेट दिवेश शाशनी और सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने नेपाल पहुंचकर दार्चुला जिला प्रशासन के अधिकारियों से बातचीत की थी। 10 – 15 दिन के भीतर फिर से दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बैठक होगी। वहीं आपको बता दें की एडीजी वी मुरुगेशन ने जानकारी कि नेपाल की तरफ से तरफ से पांच लोगों ने पत्थरबाजी की है। वहां पर नदी से भारत सेफ्टी वॉल बना रहा है। नेपाल के लोग इसका विरोध कर रहे हैं।