उत्तराखंड: राज्य में महिलाओं के साथ बड़ते क्राइम के बीच रिश्ते को तार तार करने का मामला सामने आया है बता दें की एक दामाद ने अपनी मां सामान सास के साथ दरिंदगी कर डाली। आज के समय में दरिंदगो के लिए रिश्ते का कोई मोल रहा ही नहीं, किसी को भी अपनी हवस का शिकार बना लेते है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की इस दरिंदे दामाद को न्यायालय ने 10 साल के कठोर कारावास की सजा से दंडित किया है। साथ ही 50 हजार रुपये का अर्थ दंड भी सुनाया गया है। बता दें की रिश्ते को तार तार करने वाली ये घटना लगभग दो वर्ष पूर्व की है। आपकी जानकारी के अनुसार 21-22 मार्च साल 2021 को 61 वर्षीय महिला अपने कमरे में थी। इसी दौरान रात्रि 11-12 बजे के आसपास उसका दामाद भरत राम शराब पीकर वहां घुस गया। उसने सास के कपड़े फाड़ और मारपीट कर शरीर में दांत से काट दुष्कर्म किया। बता दें की वृद्ध महिला की बेटी की शादी 11 वर्ष पूर्व हो चुकी थी। उसकी बेटी और दामाद अलग-अलग रहते थे। बच्चे बेटी के साथ रहते हैं। इस अमानवीय कृत्य से आहत सास सुबह चार बजे के आसपास कमरे से भागकर बेटी के पास गई और उसे जानकारी दी। जब दोनों कमरे में जाने लगे तो रास्ते में दामाद ने फिर गालीगलौज करते हुए उसके साथ मारपीट की। मां-बेटी ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। मेडिकल व मजिस्ट्रेट के सम्मुख बयान भी दर्ज किए गए।
आपको बता दें की ये दरिंदे दामाद पांच माह से यह सब कर रहा था परंतु लोकलाज के डर से वह यह बात किसी को नहीं बता पा रही थी। जब हद पार हो गई तो उसने यह बात अपनी बेटी को बताई। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश की न्यायालय में हुई। बचाव पक्ष ने अभियुक्त को घर का कमाने वाला एकमात्र व्यक्ति बता और दो साल से जेल में निरुद्ध होने से कम से कम सजा देने की याचना की। साथ ही आपको बता दें की अभियोजन की तरफ से शासकीय अधिवक्ता प्रमोद पंत, सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रेम भंडारी और डीआर आर्या ने गवाह और तथ्य पेश किए। बता दें की अपर सत्र न्यायाधीश पंकज तोमर ने दामाद के कृत्य को सामाजिक दृष्टि से जघन्य अपराध बताया। साथ ही दोष सिद्ध करते हुए सजा सुनाई। अपर सत्र न्यायाधीश पंकज तोमर ने दोषी को धारा 376 के तहत 10 वर्ष के कठोर कारावास और पचास हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई।
अर्थदंड की धनराशि में से भादवि धारा 357 के अंतर्गत 45 हजार रुपये पीड़िता को प्रतिकर के रुप में देने के आदेश दिए। अर्थदंड नहीं दिए जाने पर छह माह की अतिरिक्त साधारण सजा भुगतनी होगी। जबकि भादवि धारा 323 के तहत तीन माह का कठोर कारावास और एक हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है। अर्थदंड जमा नहीं करने पर एक माह का अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।अपर सत्र न्यायाधीश ने पीड़िता को धारा 357 ए के तहत उत्त्तराखंड में अपराध से पीड़ित सहायता योजना 2013/उत्त्तराखंड यौन अपराध एवं अन्य अपराधों से पीड़ित, उत्त्तरजीवी महिलाओं हेतु प्रतिकर योजना 2020 के तहत प्रतिकर दिए जाने के संबंध में निर्णय की प्रति सचिव जिला विधिक प्राधिकरण सेवा को भेजने के आदेश दिए हैं। दोषी को सजा भुगतने को जिला कारागार अल्मोड़ा भेजने के आदेश दिए गए हैं।