उत्तराखंड: एक तरफ जहां बाल विवाह को लेकर तमाम कानून बने हुए हैं तो वहीं आज भी कई जगह पर बाल विवाह कराया जा रहा है और बच्चो के भविष्य को उनसे छीन जा रहा है आपको बता दें की राज्य के भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। बता दें की उत्तरकाशी के डुंडा में 16 साल की नाबालिग लड़की शादी कराई कर रही जिसे प्रशासन द्वारा रुकवाया गया। आपको बता दें की उत्तरकाशी के डुंडा तहसील के कुमारकोट गांव में प्रशासन ने नाबालिग लड़की की शादी रुकवा दी। नाबालिग लड़की और उसकी मां को वन स्टॉप सेंटर उत्तरकाशी लाया गया है। वहीं, हरियाणा से आ रही बरात रास्ते से ही लौट गई। बताया जा रहा कि परिजनों ने नाबालिग का फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवा कुछ दिन पूर्व कोर्ट मैरिज भी करवा दी थी। बीते बृहस्पतिवार देर शाम तहसील प्रशासन डुंडा को कुमारकोट गांव में एक नाबालिग लड़की शादी करवाने की शिकायत मिली, जिस पर प्रशासन की टीम देर शाम गांव पहुंची। गांव में शादी की तैयारियां पूरी कर बरात का इंतजार किया जा रहा था। बरात के लिए शामियाना सजाया गया था। तभी प्रशासन की टीम ने पहुंचकर जांच शुरू की।
आपको बता दें की जिस नाबालिग लड़की की शादी कराई जा रही थी, हाईस्कूल के प्रमाणपत्र से उसकी उम्र 16 वर्ष कुछ माह होने की पुष्टि हुई। जिस पर टीम नाबालिग लड़की और उसकी मां को पूछताछ के लिए जिला मुख्यालय स्थित वन सेंटर ले आई। पूछताछ में पता चला कि नाबालिग की शादी की बात हरियाणा में उनके किसी परिचित ने ही करवाई थी। उधर, मामले की भनक लगते ही बरात आधे रास्ते से वापस लौट गई है। बताया जा रहा है कि नाबालिग का हरिद्वार में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाया गया है।
जिसके आधार पर परिजनों ने कुछ दिन पहले कोर्ट मैरिज भी करवा दी थी। वहीं प्रशासन का कहना है कि यदि कोर्ट मैरिज करवाई गई होगी तो दोनों पक्षों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा। मामले में गहनता से जानकारी जुटाई जा रही है।
साथ ही बता दें की प्रताप चौहान, तहसीलदार, डुंडा ने कहा की नाबालिग लड़की की शादी करवाने की सूचना मिली थी, जिस पर प्रशासन की टीम नाबालिग लड़की व उसकी मां को वन स्टॉप सेंटर ले आई है। मामले में गहनता से जांच की जा रही है।