उत्तराखंड: एक और जहां सरकार द्वारा दहेज के विरुद्ध कई कानून बनाए गए है आपकी जानकारी के लिए बता दें की दहेज की मांगने पर साथ ही विवाहित महिलाओं को दहेज से जुड़ी भीषण यातना से बचाने के लिए भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 498ए ने एक हथियार प्रदान किया है इसके साथ ही बता दें की सेक्शन 3 और 4। सेक्शन 3 के तहत दहेज लेना और देना दोनों अपराध है और 15 हजार तक के जुर्माने और 5 साल की सजा सुनाई जा सकती है। वहीं सेक्शन 4 कहता है कि दहेज की मांग करने पर 6 महीने से 2 साल तक की सजा हो सकती हैं। आपको बता दें की एक और मामला उधमसिंहनगर से सामने आया है जहां मायके में रह रही विवाहिता के साथ दहेज के लिए ससुरालियों ने मायके पहुंचकर गाली-गलौज और मारपीट की। बता दें की मामले में पीड़िता के भाई की ओर से कोतवाली में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है।
मिली जानकारी के लिए बता दें की जिले बाजपुर शहर के ग्राम मुड़िया कला निवासी अय्यूब पुत्र वहीद ने तहरीर में कहा है कि उसकी बहन फातमा का विवाह तीन जून 2019 को ठाकुरद्वारा मुरादाबाद उत्तर प्रदेश निवासी इरशाद पुत्र भूरा के साथ हुआ था। आरोप है कि शादी के कुछ दिनों तक तो सबकुछ ठीक-ठाक रहा, लेकिन इसके बाद कम दहेज लाने का ताना मारकर बहन को परेशान किया जाने लगा। बात सामने आई तो मायके वालों ने उनकी मांग के अनुरूप डेढ़ लाख रुपये दे दिए। जिसके चलते आरोपित कुछ समय तक शांत रहे, लेकिन करीब दो माह बाद फिर से दहेज की मांग शुरू कर दी गई। असमर्थता जताने पर आरोपितों ने फातमा को मारपीट कर घर से निकाल दिया। इसके बाद वह मायके में आकर रहने लगी।
बता दें की आरोप है कि बीते 24 फरवरी को आरोपित पति व अन्य ससुराल वाले मायके में आ धमके और स्वजनों की गैर मौजूदगी में फातमा के साथ गाली-गलौज व मारपीट की गई। इस दौरान आरोपित उसे अधमरा छोड़कर फरार हो गए। घायल को सरकारी अस्पताल से रेफर कर दिए जाने के बाद स्वजन उपचार के लिए पहले रुद्रपुर व बाद में हल्द्वानी ले गए हैं। जहां उसकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। तहरीर में मामले की जांच कर आरोपितों पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं आपको बता दें की समाचार लिखे जाने तक मामला दर्ज नहीं हुआ था, अलबत्ता पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
रिपोर्ट– साक्षी सक्सेना