उत्तराखंड: राज्य के मसूरी में कई साल पहले सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद युवती की हत्या का मामला सामने आया था बता दें की युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म करके उसके चेहरे पर तेजाब डालकर पहचान छुपाने की कोशिश की गई थी आपको बता दें की इस मामले में पुलिस ने 25 हजार रुपये के इनामी आरोपित को बिहार के सीतामढ़ी से गिरफ्तार किया है।
आपको जानकारी के लिए बता दें की इस आरोपित की पहचान बिट्टू साहनी उर्फ सुरेंद्र साहनी निवासी लक्ष्मीपुर जिला सीतामढ़ी बिहार के रूप में हुई है। आपको बता दें की इस पूरे प्रकरण में कुल नौ आरोपित शामिल थे, जिसमें आठ को अभी तक पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। जबकि 25 हजार रुपये का एक आरोपित जयकरण सिंह अभी भी फरार है। बता दें की बीते शुक्रवार को कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एसपी सिटी सरिता डोबाल ने आरोपित की गिरफ्तारी का पर्दाफाश किया। उन्होंने बताया कि साल 13 जुलाई 2017 को मसूरी से करीब 12 किलोमीटर दूर चूनाखाला के जंगल में एक युवती का शव पेड़ से लटका मिला। शव का चेहरा बुरी तरह से झुलसा हुआ था।
आपको जानकारी के लिए बता दें की मृतक युवती राज्य के उत्तरकाशी जिले की रहने वाली थी, जिसकी गुमशुदगी पहले से दर्ज थी। फारेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए और शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि युवती के साथ पहले सामूहिक दुष्कर्म किया गया है और इसके बाद गला दबाकर उसकी हत्या कर दी गई। मृतका की पहचान छिपाने के लिए आरोपितों ने तेजाब से उसका चेहरा जला दिया था और शव जंगल में पेड़ पर टांग दिया।
वहीं आपको बता दें की पुलिस ने शव के पास से एक मोबाइल बरामद किया। जांच में पता चला कि मोबाइल तो मृतका का है, लेकिन सिम कार्ड बिहार के पते पर मिला। सिम की जब पड़ताल की गई तो उसमें एक नंबर युवती के गांव के युवक का मिला। जिसपर युवती ने बात की थी। जब पुलिस ने उस युवक से पूछताछ की तो पता चला कि युवती 12 जुलाई 2017 को देहरादून किसी अन्य युवक से मिलने आई थी। बता दें की इस दौरान पुलिस ने जब उस युवक से पूछताछ की तो पता चला कि युवती देहरादून आई थी, लेकिन वह उसी दिन गांव जाने के लिए बस में बैठ गई थी। पुलिस ने जब जांच आगे बढ़ाई तो पता चला कि देहरादून-मसूरी हाईवे पर बस से उतरकर युवती मसूरी के भट्टा गांव चली गई। भट्टा गांव में कुछ श्रमिक निर्माण कार्य में लगे थे। युवती ने बात करने के लिए श्रमिकों से फोन मांगा। इस बीच एक श्रमिक ने बात करने के लिए उसे अपना सिम दे दिया।
युवती ने यह सिम अपने मोबाइल फोन में लगा दिया। इस बीच श्रमिकों ने युवती को अकेला पाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। शव को ठिकाने लगाने के लिए उन्होंने चूनाखाला से करीब दो किमी अंदर जंगल में एक पेड़ से उसका शव लटका दिया। इससे पहले उन्होंने एसिड से उसका चेहरा बुरी तरह से जला दिया ताकि कोई उसे पहचान न पाए। सभी आरोपित इसके बाद फरार हो गए।
बता दें की पुलिस ने शव के पास मिले सिमकार्ड के आधार पर आरोपित श्रमिक ठगा मंडल को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान उसने सभी आरोपितों के नाम पुलिस को बता दिए। पुलिस ने सभी नौ आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया। पुलिस सात आरोपितों को पूर्व में गिरफ्तार किया था। जबकि दो आरोपित बिट्टू साहनी उर्फ सुरेंद्र साहनी और जयकरण सिंह फरार थे।इनकी गिरफ्तारी पर पुलिस ने 25-25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था। इस बीच जांच कर रहे मसूरी कोतवाली के एसएसआइ मसूरी कोतवाली शोएब अली को पता चला कि आरोपित बिहार के सीतामढ़ी क्षेत्र में है। इस पर एक टीम बिहार गई। जहां से बीते 15 मार्च को बिट्टू साहनी उर्फ सुरेंद्र साहनी को गिरफ्तार कर लिया गया।
रिपोर्ट- साक्षी सक्सेना