उत्तराखंड: राज्य में करीब 11 साल बाद सूखे के हालात बने हुए है बता दें की करीब 99 प्रतिशत कम वर्षा हुई है 9 जिलों में एक भी पानी की बूंद नहीं पड़ी है। बता दें नवंबर, दिसंबर और अब जनवरी में पहले हफ्ते में सुखा देखना पड़ रह है जानकारी के मुताबिक आपको बता दें की इस बार दिसंबर में उत्तराखंड में सामान्य से 99 प्रतिशत कम वर्षा रिकार्ड की गई। वहीं, बता दें की नवंबर 2022 में माह में भी सामान्य से 80 प्रतिशत कम वर्षा रिकार्ड की गई। इसके साथ ही बता दें की पिछले 85 दिनों से प्रदेश के 9 जिलों में बारिश की एक बूंद भी नहीं गिरी। वहीं बता दें दिसंबर 2022 में उत्तराखंड राज्य में सामान्य से 99 फीसद कम वर्षा इससे पहले वर्ष 2011 में रिकार्ड की गई थी। आपको बता दें की वर्ष 2019 एवं 2020 में दिसंबर महीने में प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में दो बार हिमपात हुआ और निचले क्षेत्रों में 20.4 से 42.2 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। इसके अतिरिक्त बता दें की इस बार करीब दो महीने बेहद कम वर्षा को कृषि विशेषज्ञ नकदी फसलों के लिए बेहतर नहीं मान रहे हैं। वहीं अभी मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में नमी है, नवंबर-दिसंबर की कम वर्षा के कारण इसका असर फरवरी व मार्च में दिखना शुरू होगा।
इसके साथ ही आपको बता दें की मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया की उत्तराखंड में बीते अक्टूबर में सामान्य से 118 प्रतिशत अधिक वर्षा रिकार्ड की गई थी। उत्तराखंड के सभी जनपदों में अक्टूबर महीने में सामान्य वर्षा 55 मिमी रिकार्ड की जाती है, जबकि इस अवधि में 119.7 मिमी वर्षा हुई। जो सामान्य से 118 प्रतिशत अधिक है। वहीं दिसंबर महीने में प्रदेश में सामान्य से 99 फीसद कम वर्षा रिकार्ड की गई है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि सामान्य रूप से दिसंबर में उत्तराखंड में 17.6 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की जाती है, लेकिन इस बार पूरे महीने केवल 0.1 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। यह वर्षा भी देहरादून, चंपावत, नैनीताल, टिहरी में कहीं-कहीं बेहद हल्की हुई। अन्य जनपदों में वर्षा नहीं हुई। हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से जनवरी महीने में वर्षा और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात होने की प्रबल संभावना है।