उत्तराखंड राज्य के उद्मसिंहनगर जिले में बहन ने अपने भाई से उधारी की रकम मांगी थी जिसके बाद भाई ने अपनी बहन को चेक दिया था बता दें की भाई का दिया हुआ चेक बाउंस हो गया जिसके बाद भाई को चार महीने की जेल हो गई साथ ही उसपर जुर्माना भी लगा। जानकारी के मुताबिक आपको बता दें की 27 अगस्त साल 2019 को इलाहाबाद बैंक की काशीपुर शाखा में भाई से मिला चेक भुगतान के लिए लगाया तो वह बाउंस हो गया। जब भाई को नोटिस भेजा तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। बता दें की जिसके बाद अदालत ने आरोपी भाई को चार माह की सजा और साढ़े छह लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। साथ ही आपको बता दें की एसीजेएम द्वितीय रुचिका गोयल की अदालत ने चेक बाउंस होने के दोषी भाई को चार माह के कारावास और साढ़े छह लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। बता दें की अर्थदंड जमा नहीं करने पर आरोपी को एक माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।
जानकारी के मुताबिक आपको बता दें की मामला खड़कपुर देवीपुरा का है खड़कपुर देवीपुरा की रहने वाली निर्मला ने अपने अधिवक्ता सूरज कुमार के माध्यम से एसीजेएम द्वितीय की अदालत में परिवाद दायर किया था। बता दें की निर्मला ने बताया कि आरोपी बलवंत सिंह और वह सगे भाई-बहन हैं। 7 अक्तूबर साल 2018 को बलवंत उसके घर आया और बेटे की शादी के लिए छह लाख रुपये उधार मांगे। इसके अलावा उसने बताया की आरोपी ने अगस्त साल 2019 तक रकम लौटाने का भरोसा दिलाया। विश्वास कर उसने अपने पति ओमकार के सामने 14 अक्तूबर 2018 को बलवंत को छह लाख रुपये दे दिए। बता दें की मियाद पूरी होने पर उसने भाई से उधार दी गई रकम मांगी तो उसने कोटक महेंद्रा बैंक की रुद्रपुर शाखा का छह लाख रुपये का चेक दे दिया। 27 अगस्त 2019 को इलाहाबाद बैंक की काशीपुर शाखा में भाई से मिला चेक भुगतान के लिए लगाया तो वह बाउंस हो गया। भाई को नोटिस भेजा, लेकिन उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। साथ ही बता दें की परिवाद पर सुनवाई कर अदालत ने आरोपी को कोर्ट में तलब किया। दोनों पक्षों को सुनने और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर एसीजेएम द्वितीय ने आरोपी बलवंत को एनआई एक्ट में दोषी पाया। अदालत ने आरोपी को चार माह की सजा और साढ़े छह लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।