उत्तराखंड: एक परिवार में दुखों के बादल उस समय छा गए जब एक युवक अपने भाई को मुखाग्नि देते समय आग से खुद झुलस गया। बता दें की ये आग डीजल डालने से लगी थी वही युवक की हालत गंभीर बनी हुई है। मिली जानकर के मुताबिक आपको बता दें की घटना नेपाल सीमा से लगे झूलाघाट क्षेत्र की है जहां बड़े भाई की चिता को मुखाग्नि देते समय चिता में किसी के द्वारा बंद डीजल की बोतल डाले से आग की लपटे विकराल होने से मृतक का भाई बुरी तरह झुलस गया। शवयात्रियों ने आनन फानन में उसके शरीर पर लगी आग बुझा कर उसे अस्पताल पहुंंचाया। युवक के दोनों पैर बुरी तरह झुलस गए । हाथ और पेट का निचला हिस्सा भी झुलस गया।
आपको बता दें की नेपाल सीमा से लगे झूलाघाट में बीते दिनों एक युवक केशव राम काली नदी में बह गया था। कई दिनों की खोजबीन के बाद उसका शव काली नदी में मिला। उसका दाह संस्कार काली नदी किनारे किया गया। दाह संस्कार में मृतक के छोटे भाई महेश राम ने मुखाग्नि दी। महेश राम ने जब चिता पर आग लगाई तो उसी दौरान किसी ने चिता की आग तेज करने के लिए चिता पर बंद डीजल की बोतल डाल दी। आग में बंद डीजल की बोतल ने बम जैसा कार्य किया। आग के सम्पर्क में आते ही बंद डीजल की बोतल ब्लास्ट हो गई और अचानक लपटें तेज हो गई। मुखाग्नि दे रहा महेश राम आग की लपटों की चपेट में आ गया। उसके कपड़ों ने आग पकड़ ली। इस घटना को लेकर शव यात्रियों में हड़कंप मच गया।
वहीं घटना के दौरान आनन फानन में महेश राम के शरीर में लगी आग बुझाई। तब तक उसके दोनो पैर बुरी तरह झुलस गए आग से हाथ और पेट का निचला हिस्सा भी झुलस गया। महेश को तत्काल अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र झूलाघाट लाया गया जहां पर उपचार चल रहा है। उसके परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। वह दिल्ली में छोटी मोटी नौकरी करता है। स्थानीय लोगों ने सरकार से महेश के परिवार को आर्थिक मदद की मांग की है।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना