उत्तराखंड: प्रदेश में लगातार बाघों की हत्या और मौत के मामले सामने आ रहें हैं जिसको लेकर सीएम धामी के बाद केंद्र सरकार ने भी सख्ती दिखाई बता दें की बता दें की राज्य में बीते पांच माह में 14 बाघों की मौत के मामले में अब केंद्र सरकार ने रिपोर्ट तलब की है। वहीं देश के महानिदेशक वन सीपी गोयल ने इस संबंध में उत्तराखंड वन विभाग के अधिकारियों से अपडेट लिया है। इसके साथ ही शीघ्र रिपोर्ट सौंपने को कहा है। इस से पहले भी राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस संबंध में शीघ्र जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे।
आपको जानकारी देते हुए बता दें की प्रदेश में बीते पांच माह में बाघों की मौत का आंकड़ा 14 पर जा पहुंचा है। बाघों की मौत के सर्वाधिक मामले कुमाऊं वन प्रभागों में सामने आ रहे हैं। 14 में से 10 मामले कार्बेट टाइगर रिजर्व सहित कुमाऊं वन प्रभागों के है। वहीं इस संबंध में मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, उत्तराखंड वन विभाग की ओर से पहले ही जांच के निर्देश दिए जा चुके हैं, लेकिन अभी फाइनल रिपोर्ट का इंतजार है। विभागीय सूत्रों की माने तो कुछ मामलों में मारे गए बाघों की डीएनए रिपोर्ट अभी वन विभाग को नहीं मिली है, इसलिए फाइनल रिपोर्ट में देर हो रही है।
आपको साथ ही बता दें की उत्तराखंड में बीते दिनों दौरे पर आए देश के महानिदेशक वन एवं विशेष सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय सीपी गोयल ने इस संबंध में पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। इसमें यदि किसी भी स्तर पर कर्मचारियों या अधिकारियों की लापरवाही की बात सामने आती है, तो उन्हें किसी भी स्तर पर बख्शा नहीं जाएगा।
बता दें की डॉ. समीर सिन्हा, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, वन विभाग ने कहा की प्रदेश में बाघों की मौत के मामलों की जांच कुमाऊं चीफ पीके पात्रों को सौंपी गई है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद इस पर कुछ और बिंदुओं पर सूचना मांगी गई है। दो-तीन दिन में फाइनल रिपोर्ट मिल सकती है। परीक्षण के बाद इसे शासन को सौंप दिया जाएगा। वैसे अभी तक किसी भी मामले में शिकार की पुष्टि नहीं हुई है। बाघों के सभी अंग सुरक्षित पाए गए हैं।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना