उत्तराखंड: प्रदेश में एक बहुत शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है बता दें की सड़क हादसे में चंपावत निवासी निजी स्कूल के शिक्षक की मौत हो गई। शव ले जाने के लिए एंबुलेंस चालक तैयार नहीं थे, जो तैयार हुए उन्होंने इतना पैसा मांग लिया जो परिजनों की क्षमता से बाहर था। मिन्नतें करने के बाद भी जब कोई कम पैसों पर ले जाने का राजी नहीं हुआ तो परिजन चंपावत जाने वाली टैक्सी की छत पर शव बांध ले गए।
वहीं पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि, बलदेव प्रसाद (33) चौड़ा मेहता पाटी जिला चंपावत में प्राइवेट स्कूल में शिक्षक थे। वह चोरगलिया में अपने रिश्तेदार के यहां आए थे। हल्द्वानी के एक स्कूल में उनका इंटरव्यू था। बीते मंगलवार शाम चोरगलिया से बाइक से हल्द्वानी आ रहे थे। तभी कार ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें रात 11 बजे सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस बीच उनके परिजन भी हल्द्वानी पहुंच गए। बुधवार सुबह बलदेव की मौत हो गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।
अब समस्या थी शव चंपावत कैसे ले जाया जाए। उन्होंने कई एंबुलेंस चालकों से बात की, लेकिन शाम के समय कोई भी चंपावत जाने के लिए तैयार नहीं हुआ। काफी मिन्नतों के बाद जो चालक तैयार हुए, उन्होंने दस हजार रुपये मांगे। परिजनों ने कमजोर आर्थिक स्थिति की दुहाई दी तो उन्होंने एक हजार रुपये कम करने की बात कही, लेकिन यह राशि भी उनकी क्षमता से बाहर थी। ऐसे में परिजन टैक्सी स्टैंड पहुंचे। वहां से वह चंपावत चलने वाली टैक्सी पोस्टमार्टम हाउस ले आए। उन्होंने शव चादर में लपेटा और टैक्सी की छत पर बांध दिया। टैक्सी में सवारियां भी थीं। फिर परिजन यहां से शव लेकर चंपावत रवाना हो गए। सवाल यह है कि हल्द्वानी से 130 किमी दूर पाटी विकासखंड (चंपावत) ले जाना कितना मुश्किल होगा, वह भी तब जब सड़कें गड्ढायुक्त हैं और ऊपर से बारिश का अंदेशा। बता दें की एक युवक को गंभीर अवस्था में कालाढूंगी अस्पताल लाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, दीपक कुमार (35) निवासी पवलगढ़ बैलपड़ाव हाल निवासी हरिपुर धमोला नहर के किनारे बेसुध पड़ा मिला। उसे कालाढूंगी अस्पताल लाया गया जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने पंचनामा भरकर शव पोस्टमार्टम के लिए हल्द्वानी भेज दिया गया।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना