उत्तराखंड: आज आपको आपके हक की खबर बताने जा रहें हैं जिसमे आपको मिलने वाले राशन में किस तरह से घोटाला किया जाएगा, बता दें की गोदाम से दुकान तक पहुंचने वाले 50 किलो के अधिकतर बोरों में 3 से 10 किलो राशन कम मिल रहा। गल्ले की दुकानों तक राशन की सप्लाई खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से किया जाता है। बोरों से रास्ते में रास्ते कहां गायब होता है, इसका किसी के पास जवाब नहीं है। दुकानदार खाद्य विभाग के खिलाफ शिकायत करने पर खुद ही ही कार्रवाई होने की डर से कतराते हैं। साथ ही सार्वजनिक राशन वितरण व्यवस्था में उपभोक्ता ही नहीं डीलर भी घटतौली के शिकार हो रहे हैं
आपको जानकारी के लिए बता दें की सरकारी गल्ले की दुकानों में खाद्य आपूर्ति विभाग गोदाम से सीधे राशन पहुंचाता है। राशन की गुणवत्ता ही नहीं अब घटतौली से डीलर परेशान हैं। प्रति बोरा 50 किलो राशन होता है। लेकिन गोदाम से दुकान तक पहुंचते रास्ते में कम हो जाता है। डीलरों के मुताबिक यह गोरखधंधा पिछले कई समय से चल रहा है। हर बोरे में तीन से 10 किलो तक कम राशन मिलता है। नाम न छापने की शर्त पर एक सस्ते गल्ला डीलर ने बताया कि उन्हें गोदाम से 51 किलो 500 ग्राम के हिसाब से राशन की पर्ची दी जाती है। जब दुकान में राशन की डीलीवरी की जाती है तो उनके सामने राशन को तोला तक नहीं जाता है। जिसका खामियाजा उन्हें भुगतान पड़ता है। कोई डीलर इसकी शिकायत भी नहीं कर पाता है। क्योंकि राशन की आपूर्ति खुद खाद्य विभाग करता है। विभागीय घालमेल के राशन की घटतौली की जा रही है। शिकायत करने पर डीलर को अपने ऊपर ही कार्रवाई का डर सताता है। घटतौली झेलकर खामोश रहने को मजबूर हैं। डीलर ने बताया कि इसकी मार उपभाेक्ताओं पर पड़ती है। डीलर उनको भी कम राशन देते हैं।
वहीं जितेंद्र गुप्ता, अध्यक्ष उत्तराखंड सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद ने कहा की राशन कम मिलने की समस्या आज से नहीं बल्कि सालों से हैं। एक बार इसकी जांच हुई तो इस खेल का खुलासा भी हुआ था। लेकिन कुछ दिन सही रहने के बाद फिर से यही समस्या आ रही है। डीलर को सीधे इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। क्योंकि उन्हें कार्डधारक को तोलकर राशन देना चाहिए। इसकी जांच होनी चाहिए।
इसके अलावा हरेंद्र रावत, सीनियर मार्केटिंग ऑफिसर खाद्य आपूर्ति विभाग ने कहा की घटतौली के आरोप निराधार हैं। गोदाम से राशन तोलकर डीलरों के यहां भेजा जाता है। वजन पूरे वाहन का होता है। हो सकता है कि किसी बोरे में कम हो, लेकिन किसी में ज्यादा भी होता है। ऐसे में घटतौली की बात कहना ठीक नहीं है। उन्हें अभी तक इस प्रकार की शिकायत नहीं मिली है।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना