इन दिनों भारत की पहली ट्रांसजेंडर विधायक शबनम बानो उर्फ शबनम मौसी एक बार फिर चर्चा में आ गई है, आपको पूरा मामला बताते हैं…
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना
आपको बता दें की देश में जब चुनावी मौसम आता है तो बड़े सारे इतिहास रचे जाते है. आज से 23 साल पहले यानी साल 2000 में हुए उपचुनाव में भी एक ऐसा ही इतिहास रचा गया था, जब देश की पहली ट्रांसजेंडर विधायक को लोगों ने चुना, नाम था शबनम बानो उर्फ शबनम मौसी. आज 23 साल बाद शबनम मौसी एक बार फिर से सुर्खियों में हैं, लेकिन नया कीर्तिमान रचने के लिए नहीं, बल्कि उन पर हुई एफआईआर के कारण।
मध्य प्रदेश के शहडोल के सोहागपुर की पूर्व और पहली किन्नर विधायक शबनम मौसी हमेशा अपने कारनामों के कारण चर्चा के केंद्र में रहती हैं. इस बार भी वह चर्चा में हैं, कारण है आचार संहिता का उल्लंघन. दरअसल, एमपी के अनूपपुर जिले में पुलिस के पास पिस्तौल जमा कराने में विफल रहने के आरोप में शबनम मौसी के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है।
कौन हैं शबनम मौसी
देश की पहली किन्नर विधायक शबनम मौसी ने साल 2000 में शहडोल जिले की सोहागपुर सीट से उपचुनाव जीता था, जो तत्कालीन कांग्रेस विधायक कृष्णपाल सिंह की मृत्यु के बाद खाली हुई थी. उन्होंने भाजपा के लल्लू सिंह को 17,800 से ज्यादा मतों के अंतर से हराया था. हालांकि, साल 2003 के विधानसभा चुनावों में वह केवल 1400 वोट पाने में सफल रहीं और हार गईं थीं. शबनम मौसी पहले भी एक ऑटो ड्राइवर से मारपीट के कारण सुर्खियां बटोर चुकी हैं।
क्या है मामला
पुलिस का कहना है कि शबनम मौसी को पिस्तौल जमा करने के लिए नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, जिसके बाद उन पर आदेश की अवहेलना करने के लिए धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया. खबरों के मुताबिक, शबनम के पास दो बंदूक थीं. उन्होंने एक जमा करवा दी, जबकी दूसरी नहीं करवाई. इस चूक के बाद प्रशासन ने पिस्तौल का लाइसेंस रद्द कर दिया।
चुनावों में किन्नर
साल 1994 में किन्नरों को भारत में मतदान का अधिकार मिला था. निर्दलीय चुनाव लड़ने वाली शबनम मौसी जहां देश की पहली किन्नर विधायक थीं, तो वहीं पहली किन्नर महापौर कमला जान भी एमपी ने ही दीं. इतना ही नहीं साल 2018 में अंबाह सीट के साथ एमपी में पांच किन्नरों ने चुनाव मैदान में ताल ठोककर भाजपा-कांग्रेस, बसपा जैसे राष्ट्रीय दलों को सीधी चुनौती भी दी थी. साल 2018 में नेहा किन्नर ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और 23.85 फीसदी वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहीं थीं. इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी से चंदा किन्नर को भी टिकट दिया गया है।