कांग्रेस का भारत जोड़ो यात्रा का पोस्टर दिखाना एक युवा कांग्रेस नेता को दिखाना भारी पड़ गया, और उसके साथ जो हुआ वो वो एक खौफनाक घटना है, आपको पूरा मामला बताते हैं…..
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना
आपको बता दें की मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले रहने वाले युवा कांग्रेस के नेता रजा कादरी 8 महीने बाद अपने घर पहुंचे हैं, और उन्होंने जो बताया उसे सुनकर आपके भी होश उड़ जायेंगे, आपको बता दें की उन्हें सऊदी अरब की पुलिस ने जेल में डाल दिया था, उनका कुसूर महज इतना था कि उन्होंने मक्का में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का पोस्टर दिखाया था, इस मामले को लेकर रजा ने कई खौफनाक खुलासे भी किए। उन्होंने बताया कि उन्हें छुड़ाने के नाम पर लोगों ने घरवालों से लाखों रुपये लूट लिए, उनकी पार्टी ने सऊदी अरब की इंटेलिजेंस एजेंसी को कई मेल किए। लेकिन, इसका कोई असर नहीं हुआ। रजा ने आरोप लगाया कि सऊदी अरब में बिना पैसे दिए कोई काम नहीं होता, उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें जेल में रखा गया और टॉर्चर किया गया।
आपको बता दें की आगे रजा ने बताया कि उनकी दादी की उम्र 75 साल है, वे अक्सर इस उम्र में हज जाने का कहती थीं। उनकी यही इच्छा पूरी करने के लिए हम मक्का गए, हालांकि, दादी साल 2002 में हज की यात्रा पर गई थीं। हमने झांसी के अल अंसार टूर एंड ट्रैवल्स से दो लाख रुपये में टूर पैकेज बुक किया। इसमें सऊदी में रहने से खाने तक की व्यवस्था ट्रैवल्स की ही थी, हम 21 जनवरी को भारत से रवाना हुए और अगले दिन 22 जनवरी को मक्का सिटी पहुंचे। हमारे ग्रुप में 72 लोग थे, हम यहां अल ओलायन रॉयल होटल में रुके, ये होटल मस्जिद से एक किमी की दूरी पर है। 23 से 25 जनवरी के बीच मैं तीन बार उमराह (इबादत) कर आया था, दादी भी बेहद खुश थीं।
यहां से शुरू हुई रजा की मुसीबत
आपको बता दें की रजा ने बताया कि हमे दस फरवरी तक भारत आना था। मैंने 25 जनवरी को उमराह किया। चूंकि, ग्रुप के सभी लोग तस्वीरें खिंचवा रहे थे, तो मैंने भी दो फोटो खिंचवाए। एक फोटो तिरंगे के साथ खिंचवाई और दूसरी कांग्रेस के भारत जोड़ो यात्रा के पोस्टर के साथ, इस दौरान मेरे साथ कुछ नहीं हुआ। मैंने 26 जनवरी को अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया अकाउंट डाल दीं, इन तस्वीरों को मेरी पार्टी के बड़े नेताओं ने भी शेयर किया। बस, यहीं से मुसीबत शुरू हो गई, 26 की रात करीब 2 बजे एक शख्स होटल के रूम में आया। उसने मुझसे कहा कि वह वीजा कंपनी से आया है, थोड़ी बहुत बहस करने के बाद मैं उसके साथ लिफ्ट में चला गया। हम जैसे ही ग्राउंड फ्लोर पर पहुंचे तो लिफ्ट का दरवाजा खुलते ही मेरे मुंह पर काला कपड़ा डाल दिया गया, मुझे हथकड़ी लगाकर कुछ लोग कहीं ले गए।
भूल स्वीकार करने के बाद भी नहीं छोड़ा
उन्होंने कहा कि जब मुंह से कपड़ा हटा तो मैंने देखा कि पुलिस की वर्दी में कई लोग मुझे घेरकर खड़े थे, पुलिसवालों ने मुझे बताया कि मैंने सऊदी अरब के नियम तोड़े हैं। इसके बाद वे मुझे अंधेरे कमरे में ले गए और दो महीने तक टॉर्चर करते रहे। रजा ने कहा कि मैंने पुलिस के सामने स्वीकार किया कि नियमों की जानकारी के अभाव में उनसे भूल हो गई है, वो अपनी वायरल फोटो को सोशल मीडिया से हटाने को तैयार हैं। पुलिस ने मुझसे ट्रेवल संबंधित सारे दस्तावेज मांगे, रजा ने बताया कि जब उन्होंने ट्रेवल एजेंस से बात की तो वह नहीं आया।
ये है रजा की खौफनाक कहानी
उसके बाद उन्हें पता चला कि उसी ने पुलिस को उनकी सारी जानकारी दी थी। रजा ने बताया कि मुझे दो महीने ढाहबान की सेंट्रल के बंद कमरे में रखा गया। सुबह-शाम दो ब्रेड के टुकड़े दिए जाते। पुलिस लाई डिटेक्टर से मेरे बयानों की जांच की. वो सोने नहीं देती थी। दो महीने तक मैंने न तो सूरज देखा, न ही किसी का चेहरा। मुझे साइकियाट्रिस्ट के पास जाना पड़ा. मुजे शुमैसी डिटेंशन सेंटर भेज दिया गया, वहां कंबलों में कीड़े घुसे रहते थे, खाने की जगह पर गंदगी थी।
रजा ने बताया कि मुझे वापस लाने में घरवालों के 8 लाख रुपए खर्च हो गए। इसमें बहुत से पैसे फ्रॉड में चले गए, मुझे छुड़ाने के नाम कई लोग घरवालों से पैसे ऐंठ चुके थे। इंडियन एम्बेसी के तनवीर आलम ने पासपोर्ट के काम के लिए 1200 रियाल (लगभग 26 हजार रुपए) लिए। वहां मेरी तरह हजारों भारतीय फंसे हुए हैं, उनकी हालत मेरे से भी बुरी है, इनमें से बहुत सारे लोगों को उनके ही एजेंटों ने ठगा है।