अत्यधिक प्लास्टिक का प्रयोग, फैक्ट्री से उड़ने वाला धुंआ, केमिकल वाला पानी नदी में छोड़ने के कारण वातावरण पूरा प्रदूषण में समा चुका है, जिसका सबसे ज्यादा नुकसान आम लोगों को झेलना पड़ रहा है, कई तरह की बीमारियां मनुष्य को घेर रही हैं, जैसे अस्थमा, फेफड़ों में दिक्कत, और सबसे ज्यादा आंख से संबंधित, आपको बता दें की प्रदूषण से आपको ग्लूकोमा भी सकता है, जिससे आपके आंखों की रोशनी कम हो सकती है…
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना
आपको बता दें की आज के समय में एयर पॉल्यूशन कम नहीं हो रहा है, दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में AQI अभी भी 400 के आसपास बना हुआ है. जहरीली हवा के कारण लोगों को कई तरह की परेशानियां हो रही हैं. पॉल्यूशन के कारण सांस की बीमारी, स्किन इंफेक्शन के अलावा आंखों की समस्या भी हो रही है. डॉक्टरों का कहना है कि वायु प्रदूषण के कारण लोगों को ग्लूकोमा की बीमारी भी हो सकती है. ग्लूकोमा आंखों की एक डिजीज है, जिसमें आंखों की रोशनी कम होती है. जो लोग लंबे समय तक वायु प्रदूषण के संपर्क में रहते हैं उनको आंखों में जलन, आंखों से पानी आना और धुंधला दिखने की समस्या हो जाती है. जिससे बाद में रोशनी कम होने का रिस्क रहता है।
डॉक्टरों के मुताबिक, प्रदूषण में मौजूद नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और पीएम 2.5 के बहुत छोटे कणों के आंखों में जाने की वजह से यह समस्या होती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आंखों के अंदर एक मैक्यूला होता है. इसकी बहुत छोटी-छोटी कोशिकाएं होती हैं. पीएम 2.5 के छोटे-छोटे कण के संपर्क में अगर ये आ जाती हैं तो इससे आंखों में परेशानी होने लगती है. जिन लोगों को पहले से ही आंखों की कोई समस्या है उनकी स्थिति प्रदूषण के संपर्क में आने से बिगड़ जाती है. ऐसे में लोगों को प्रदूषण से खुद को बचाने की जरूरत है।
ऐसे दिखते हैं लक्षण
दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में आई डिपार्टमेंट में डॉ. एके ग्रोवर बताते हैं कि बीते दो सप्ताह से आंखों की बीमारी के मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है. लोगों को आंखों में जलन, आंखों से पानी आना और धुंधला दिखने की समस्या हो रही है. ये सभी लक्षण अगर लंबे समय तक बने रहते हैं तो इससे ग्लूकोमा की समस्या होने का खतरा रहता है. ऐसे में लोगों को प्रदूषण से बचाव करना चाहिए।
बदलते मौसम से खतरा
डॉ ग्रोवर कहते हैं कि बढ़ता प्रदूषण और सर्दी की हवाओं से भी आंखों को नुकसान होता है. हवा की वजह से आंखों की नमी कम होने लगदी है. जिससे ड्राईनेस की समस्या हो जाती है. चूंकि प्रदूषण भी बढ़ा हुआ है तो इस कारण आंखों में जलन और धुंधला दिखने की समस्या होने लगती है. जो बाद में ग्लूकोमा का कारण बन सकती है.
प्रदूषण से आंखों को कैसे बचाएं?
- बाहर जाते समय आंखों पर चश्मा लगाएं
- आंखों को बार-बार छूने से बचें
- आंखों में जलन होने पर आंखों को धो लें
- डॉक्टर की सलाह के हिसाब से आई ड्रॉप्स डाल लें
- खुद से किसी देशी नुस्खों को न अपनाएं