राजनीति एक ऐसी चीज है जो किसी को भी लालची बना सकती है। भाई भाई का ही दुश्मन बन जाता है। कोई अपना घर वार छोड़ देता है तो कोई अपनी नौकरी, कोई कभी इस पार्टी में छलांग मारता है तो कभी पद के लिए उस पार्टी में , ऐसा ही कुछ देखना पड़ा, बता दें की मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने गुरुवार शाम को 39 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की। लेकिन इन 39 उम्मीदवारों में से 2 उमीदवार ऐसे हैं जिनके नाम की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है इनमें से एक हैं मंडला ज़िले की बिछिया सीट से प्रत्याशी बनाए गए डॉ. विजय आनंद मरावी, क्योंकि उन्होंने गुरुवार सुबह ही जबलपुर मेडिकल कॉलेज में सहायक अधीक्षक पद से इस्तीफा दिया था और शाम को ही उनका नाम बीजेपी उम्मीदवारों की सूची में था। इसके अलावा बालाघाट जिले की लांजी सीट से उम्मीदवार बनाए गए राजकुमार ने गुरुवार को ही आम आदमी पार्टी छोड़ी थी और कुछ घंटों बाद ही उन्हें बीजेपी से टिकट मिल गया।
👉टिकट मिलने से चंद घंटे पहले छोड़ी AAP
बता दें की बीते गुरुवार शाम को बीजेपी उम्मीदवारों की सूची में बालाघाट ज़िले की लांजी से राजकुमार कर्राहे का नाम देखकर हर कोई हैरान हो गया, क्योंकि बीजेपी उम्मीदवार बनाए जाने से चार घंटे पहले तक राजकुमार आम आदमी पार्टी में थे. यहां तक कि इलाके में उनके पोस्टर भी आम आदमी पार्टी वाले ही लगे हुए थे, जिनमें पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का भी फोटो है।
👉केजरीवाल के साथ पोस्टर पर राजकुमार कर्राहे की तस्वीर
राजकुमार कर्राहे ने राजनीति की शुरुआत लांजी क्षेत्र के युवा भाजपा नेता के रूप में की थी, जिसके बाद साल 2012 तक लांजी जनपद पंचायत के अध्यक्ष भी रहे. साल 2018 के चुनाव में राजकुमार पर पार्टी के खिलाफ काम करने के आरोप लगे. इसके बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी की सदस्य्ता ले ली. राजकुमार पिछले 5 सालों से आम आदमी पार्टी के चेहरे के रूप में सक्रिय रूप से क्षेत्र में कम कर रहे थे।
👉डॉ विजय आनंद ने टिकट मिलने के बाद भाजपा जॉइन की.
गौरतलब है कि भाजपा ने 17 अगस्त को आगामी विधानसभा चुनावों के लिए छत्तीसगढ़ के लिए 21 और मध्य प्रदेश के लिए 39 उम्मीदवारों की सूची जारी की. मध्य प्रदेश में बीजेपी ने सबलगढ़ से सरला विजेंद्र रावत, चाचौड़ा से प्रियंका मीना, छतरपुर से ललिता यादव, जबलपुर पूर्व (एससी) से आंचल सोनकर, पेटलावद से निर्मला भूरिया, झाबुआ (एसटी) से भानु भूरिया, भोपाल उत्तर से आलोक शर्मा और भोपाल मध्य से ध्रुव नारायण सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है.
उम्मीदवारों की पहली सूची इतनी जल्दी घोषित करने का पार्टी का निर्णय पांच राज्यों के चुनावों के महत्व को दर्शाता है. बता दें कि छत्तीसगढ़ और एमपी के अलावा, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं. बीजेपी सिर्फ मध्य प्रदेश में सत्ता में है और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार को हटाने के लिए सघन अभियान चला रही है।
विदित हो कि साल 2018 में भाजपा ने मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों में से कांग्रेस की 114 सीटों के मुकाबले 109 सीटें जीती थीं. कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने सूबे में सरकार बनाई. लेकिन साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के साथ ही 15 महीनों की कांग्रेस सरकार गिर गई थी. सिंधिया गुट के 22 कांग्रेस विधायकों ने भी बीजेपी की सदस्यता लेकर शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार बनाई. मौजूदा समय में एमपी में बीजेपी विधायकों की संख्या 127 है।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना