रिपोट – राकेश अरोरा
गदरपुर। खाद्य पदार्थों की नकली पैकेजिंग में प्रतिबंधित केमिकल का प्रयोग कर एक और लोगों के स्वास्थ्य के साथ जमकर खिलवाड़ किया जा रहा है तो वही मोटे मुनाफे के लालच में फास्ट फूड के इस्तेमाल में जहरीले रसायन का इस्तेमाल कर मौत का व्यापार किया जा रहा है बंद दरवाजों के पीछे चल रहे अवैध कारोबार पर कार्यवाही करने के बजाय खाद्य सुरक्षा विभाग लाचार नजर आ रहा है
हैरानी की बात तो यह है कि परिवार और बच्चों में फास्ट फूड और पेय पदार्थों की ललक के आगे लाचार लोग खुद अभिवावक अपने हाथों से पैसा देकर अपने परिवार के लिए मौत का सामान खरीद रहे हैं मौत का कारोबार कर रहे हैं मुनाफाखोर लोगों की रसोई तक पहुँच चुके है रसोई में इस्तेमाल होने वाले सरसों का तेल, रिफाइंड, मसाला, नमक, आटा, चावल आदि से लेकर अन्य खाद्य वस्तुएं बंद तालों के पीछे तैयार की जा रही है। यदि गदरपुर की बात की जाए तो गदरपुर इन दिनों जहरीली खाद्य वस्तुएं बनाने का अड्डा बनता जा रहा है शातिर मुनाफा खोर सुनसान इलाकों में गोदाम बना कर बड़े पैमाने पर जहरीले कारोबार को करने में जुटे हैं। प्रतिष्ठित कंपनियों की एजेंसी की आड़ लेकर मिलावट खोरी का यह धंधा खूब फल-फूल रहा है। जब इस संबंध में जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ललित मोहन पांडे से जानने का प्रयास किया तो उनका फोन बंद मिला।
लेवल से लेकर पैकेजिंग तक करने में जुटे मुनाफा खोर
गदरपुर। शहर के साथ आसपास के इलाकों में चल रहे इस गैरकानूनी धंधे में जुटे लोग नियमों को ताक पर रखकर खाद्य पदार्थों के लेबल से लेकर पैकेजिंग तक करने में जुटे हैं। ऐसे गैरकानूनी कारोबारियों की धरपकड़ करने के बजाय विभाग इनकी मनमानी पर आंखें मूंदे बैठा है।