हिंदू धर्म से जुड़े लोगों के लिए दिवाली का पर्व बहुत ज्यादा मायने रखता है क्योंकि इस दिन शुभ एवं लाभ के देवता भगवान श्री गणेश के साथ धन की देवी मां लक्ष्मी की विधि-विधाने से पूजा की जाती है ताकि पूरे साल उनके घर में सुख-सौभाग्य बना रहे. इस साल यह पावन पर्व देश और विदेश में 12 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा…
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना
अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक माने जाने वाले दिवाली पर्व को देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीकों और मान्यताओं के आधार पर मनाया जाता है. आइए देश-विदेश की दिवाली से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
तब दिवाली के दिन जमीन पर उतर आते हैं देवता
भारत के पूर्व में वाराणसी की दिवाली काफी प्रसिद्ध है. यहां पर दिवाली से ज्यादा रौनक देव दीपावली के दिन देखने को मिलती और इस दिन घाटों को कई हजार दीये से सजाया जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार इस दिन स्वर्गलोक से देवतागण पृथ्वी पर दिवाली मनाने के लिए आते हैं. देव दीपावली को देखने के लिए न सिर्फ देश बल्कि विदेशों से लोग पहुंचते हैं.
पंजाब की दिवाली से जुड़ी है ये परंपरा
उत्तर भारत की तरह पंजाब में भी दिवाली की अलग रौनक देखने को मिलती है. पंजाब में सिखी परंपरा से जुड़े लोग इस पर्व को बंदी छोड़ दिवस के रूप में मनाते हैं. उनकी मान्यता है कि इसी दिन सिखों के छठवें गुरु हरगोविंद सिंह को जेल से रिहा किया गया था. इस दिन अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में रोशनी और आतिशबाजी देखने लायक होती है।
गुजरात में कुछ ऐसे होती है दिवाली की रौनक
गुजरात में दीपावली का पर्व बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है. गुजरात में दिवाली को धूमधाम से मनाने के लिए लोग 15 दिन पूर्व ही उसकी तैयारियाँ शुरू कर देते हैं. गुजरात में दिवाली के दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं और इस दिन साफ-सफाई के साथ पूरे घर की विशेष सजावट की जाती है. दिवाली के अगले दिन गुजराती लोगों का नया साल प्रारंभ होता है. इस दिन लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं और मिठाईयां भेंट करते हैं।
विदेश में भी होती है दिवाली की धूम
देश की तरह उन देशों में भी दिवाली की खूब धूम रहती है, जहां पर हिंदू धर्म से जुड़े लोग रहते हैं. मसलन नेपाल में दिवाली को स्वान्ति कहा जाता है. यहां पर भी यह पावन पर्व पांच दिनों तक मनाया जाता है. वहीं श्रीलंका में तमिल लोग इस पावन पर्व को विधि-विधाने से मनाते हैं. इसी प्रकार अमेरिका, लंदन, थाईलैंड, मलेशिया आदि में भी दिवाली के मौके पर खूब धूम रहती है. यहां पर रहने वाले दिवाली का पर्व पारंपरिक तरीके से पूजा-पाठ करके मनाते हैं।