ग्रहण से जुड़ी जो सबसे बड़ी धारणा है, वह है सूतक। ग्रहण के सूतक के नाम पर लोगों का घर से बाहर आना-जाना अवरुद्ध कर दिया जाता है। यहां तक कि सूतक के कारण मन्दिरों के भी पट बंद कर दिए जाते हैं…
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना
ग्रहणकाल में भोजन पकाना एवं भोजन करना वर्जित माना गया है। ग्रहण के मोक्ष अर्थात् ग्रहणकाल के समाप्त होते ही स्नान करने की परम्परा है।
यहां हम स्पष्ट कर दें कि इन सभी परम्पराओं के पीछे मूल कारण तो वैज्ञानिक है, शेष उस कारण से होने वाले दुष्प्रभावों को रोकने के उद्देश्य से बनाए गए देश-काल-परिस्थिति अनुसार लोक नियम।
वैज्ञानिक कारण तो स्थिर होते हैं लेकिन देश-काल-परिस्थिति अनुसार बनाए गए नियमों को हमें वर्तमान काल के अनुसार अद्यतन (अपडेट) करना आवश्यक होता है, तभी वे जनसामान्य के द्वारा मान्य होते हैं और उनका अस्तित्व भी बना रह पाता है अन्यथा वे परिवर्तन की भेंट चढ़ ध्वस्त हो जाते हैं।
क्या होता है सूतक
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र के मुताबिक सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण दोनों से कुछ घंटे पहले का समय ऐसा होता है जब प्रकृति संवेदशनशील हो जाती है और वातावरण में नकारात्मकता फैल जाती है. इस समय को अशुभ माना जाता है और इसे ही सूतक काल कहा जाता है. सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू होता है, वहीं चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले. सूतक काल का धार्मिक दृष्टि से काफी महत्व है. इस दौरान कुछ नियमों का पालन करने के लिए कहा जाता है.
सूतक काल में न करें काम
1. सूतक के समय पूजा पाठ न करें.
2. भोजन न पकाएं, ग्रहण के कारण भोजन अशुद्ध हो सकता है.
3. कोई भी नया काम करने से बचें.
4. खुली आंखों से ग्रहण न देखें, यदि देखना ही है तो एक्सरे की मदद ले सकते हैं।
. झूठ, फरेब और बुरे विचार दिमाग में न आने दें. माना जाता है कि इस समय में किये गए अपराधों के पाप कई गुना ज्यादा होते हैं.
6. सूतक लगने के बाद गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें.
7. सूतक लगने के बाद प्रेगनेंट महिलाएं सिलाई कढ़ाई का काम न करें.
8. सूतक लगने के बाद किसी भी धारदार वस्तु जैसे कैंची, चाकू, ब्लेड आदि का प्रयोग न करें. इससे बच्चे के अंगों पर बुरा असर पड़ सकता है.
ये काम जरूर करें
1. सूतक काल के समय किसी भी मंत्र आदि का मानसिक ध्यान करें. मानसिक ध्यान करना काफी शुभ माना जाता है.
2. सूतक लगने से पहले ही खाने की चीजों में तुलसी का पत्ता डाल दें. खासतौर पर दूध व अन्य डेयरी प्रोडक्ट में तो जरूर ही डालें.
3. ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं अपने पास नारियल रखें. इससे ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव खत्म होता है.
4. ग्रहण से पहले गर्भवती महिलाएं पेट पर गेरू लगाएं.
5. सूतक या ग्रहण काल में प्रेगनेंट महिला, वृद्ध या बीमार व्यक्ति को भूख लगे तो वही चीज खिलाएं जिसमें सूतक से पहले तुलसी का पत्ता डाला गया हो।
आज लगने वाला यह चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा, इसलिए यहां इसका सूतक काल भी माना जाएगा. चंद्र ग्रहण का सूतक काल 09 घंटे पहले लग जाता है. सूतक काल 28 अक्टूबर यानी आज शाम 4 बजे से लग जाएगा. सूतक काल के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं और पूजा-पाठ भी नहीं किया जाता है।
आज इस समय लगेगा चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2023 Time)
आज देर रात चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. यह साल 2023 का अंतिम चंद्र ग्रहण होगा. यह ग्रहण 28-29 अक्टूबर की मध्यरात्रि 01:05 बजे से शुरू होगा और 02:24 पर खत्म होगा. आज लगने वाला ग्रहण आंशिक चंद्र ग्रहण होगा।