रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना
रुद्रपुर शहर के सरदार भगतसिंह पीजी कॉलेज में स्थित IGNOU विश्व विद्यालय में साल 2020 से यानी कोरोना महामारी से लेकर अब तक छात्रों की क्लास तक नहीं लगाई गई है। यहां तक की बुक, और असाइनमेंट के नंबरों के लिए उन्हें इधर से उधर भेजा जा रहा है। यहां छात्रों के साथ बड़ी लापरवाही और गैर जिम्मेदार ट्रीचर देखने को मिले है। जिनके वजह कई छात्रों का करियर दांव पर लग चुका है।
आपको जानकारी के लिए बता दें की इंद्रा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय का एक केंद्र रुद्रपुर शहर के सरदार भगतसिंह पीजी कॉलेज में स्थित है। समन्वयक डॉ अजय कुमार पालीवाल जो की सरदार भगतसिंह पीजी कॉलेज के वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर भी हैं। बता दें की इग्नू में पढ़ने वाले कई छात्रों ने ये आरोप लगाया है की 22 दिन कॉलेज नहीं आए है और साथ ही इग्नू संबंधित सभी जरूरत की चीजों की चाबी भी अपने साथ ले गए हैं। बता दें की जब उनसे संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने किसी भी तरह कोई जवाब नहीं दिया और उन पर ये भी आरोप है की वह छात्रों से कहते है की अपना कार्य खुद करें चाहे वह काम खुद प्रोफसर को ही क्यों न हो।
बता दें की करीब 1 साल पहले एक छात्रा ने असाइनमेंट जमा कर दिया था लेकिन अभी तक उसके नंबर नहीं चढ़े हैं और जब कॉलेज में कहा गया तो उन्होंने कहा की Dehradun Regional Centre भेज दिया है लेकिन जब Dehradun Regional Centre में बात की गई तो उन्होंने कहा की कॉलेज से कोई भी असाइनमेंट के नंबर नहीं आए हैं और कॉलेज आकर पता चला की कॉलेज से ही नंबर नहीं गए हैं।
इसके अलावा भी एक छात्र ने 2020 में एडिमिशन लिया था न तो उसे अभी तक असाइनमेंट के नंबर मिले और नही बुक, करीब 8 छात्र ऐसे हैं जो लगातार असाइनमेंट और बुक के लिए इधर से उधर तक भटक रहें हैं।
इसके अलावा देहरादून में जहां इग्नू का Regional Centre हैं वहां भी लिखित शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसके अलावा छात्रों को इधर से उधर भेजकर परेशान किया जाता है।
करीब 100 से भी ज्यादा बच्चे हैं जिन्हे न तो असाइनमेंट के नंबर मिले और न ही बुक, बता दें दिसंबर ने पेपर होने वाले हैं लेकिन अभी तक पढ़ने के लिए कोई भी बुक विश्व विद्यालय द्वारा नहीं दी गई है।
इसके साथ ही एक छात्र ने बताया की पेपर के समय में अगर गलती से कोई छात्र आई कार्ड नहीं लाता है तो उसे परीक्षा नही देने दी जाती जिसके कारण करीब 2 से 3 छात्र की परीक्षा छूट गई थी। साफ तौर पर हम कह सकते है की बड़े बड़े दावे करने वाले इग्नू विश्वविधालय में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और इन छात्रों का जो साल बर्बाद हुआ है अब उसका जिम्मेदार कौन है???