रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना
कोरोनाकाल में हजारों लाखों की संख्या में लोगों की मौत हुई थी आपको बता दें की मध्य प्रदेश के धार में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है आपको बता दें कि साल 2021 में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 30 साल के कमलेश को महामारी की वजह से मृत घोषित कर दिया गया था वह शादीशुदा था करुणा की वजह से कथित मौत होने के कारण s.o.p. की वजह से उसका शव परिवार को नहीं सौंपा गया था उसका अंतिम संस्कार के समय के लिए मुताबिक कर दिया गया था अब करीब 2 साल बाद घर लौटने पर उस व्यक्ति ने अपने साथ हुई घटना की पूरी कहानी बताई सदमे की स्थिति में कमलेश ने कहा कि वह तब से अहमदाबाद के गिरोह के कब्जे में था उसे नशीला इंजेक्शन दिया जा रहा था अब इस मामले में आगे की कार्यवाही की जा रही है
आपको बता दें की कमलेश की पहचान उसकी पत्नी और परिवार के सदस्यों द्वारा की गई है। अब इस मामले में आगे की जांच की जा रही है ऐसा ही एक मामला बिहार की राजधानी पटना में भी सामने आया था हालांकि वो कोरोना से जुड़ा हुआ नहीं था।
साथ ही आपको बता दें की कोरोना से ठीक होने के बाद उसे कहीं पर ले जाया गया था, उस जगह का नाम तो उसे नहीं पता, लेकिन कोरोना खत्म होने के बाद भी उसे कोई इंजेक्शन दिया जाता था, जिसके बाद उससे पूरे दिन काम करवाया जाता था। हालांकि वह क्या काम करता था, ये भी उसे याद नहीं है। उसे इतना याद है कि उसे दो टाइम खाना और चाय दी जाती थी।
बता दें की उसने बताया कि बड़ौदा से वह अहमदाबाद आ गया था। यहां पर किसी गिरोह के चंगुल में फंस गया। उसे अहमदाबाद में 5 से 6 लोगों ने बंधक बनाकर रखा था। एक दिन छोड़कर वे उसे नशीला इंजेक्शन दिया करते थे। वह ज्यादातर समय बेसुध ही रहा करता था। गुरुवार को वे उसे चार पहिया वाहन से अहमदाबाद से कहीं लेकर जा रहे थे, गिरोह के सदस्य होटल पर नाश्ता करने के लिए रुके। यहीं पर उसे उनके चंगुल से निकलने का मौका मिला।
अहमदाबाद से इंदौर आ रही यात्री बस होटल से रवाना हो ही रही थी, यह देखकर वह गाड़ी से उतरा और बस में सवार हो गया। शुक्रवार को देर रात वह सरदारपुर पहुंचा। यहां उसने कुछ लोगों से अपने मामा के घर बड़वेली जाने का रास्ता पूछा। लाेगों की मदद से वह अलसुबह मामा के घर पहुंचा।