उत्तर प्रदेश राज्य के मेरठ की जामा मस्जिद में मौलाना द्वारा कुछ बड़े फैसले लिए गए है आपको बता दें की अब यहां शादी में अगर डीजे बजे तो मौलाना निकाह नहीं पढ़ेंगे और साथ हल्दी और मेंहदी की रस्म का भी बायकाट किया गया है। आपको बता दें की नगर की जामा मस्जिद में आयोजित हुए इस्लाहे मुआशरा में कस्बे के तमाम मौलाना व गणमान्य लोगों ने शिरकत करते हुए कई बड़े फैसले लिए। इस दौरान उन्होंने शादी में डीजे बजाने, नाच-गाना करने और मेहंदी-हल्दी की रस्म का बायकाट करने की बात कहते हुए निकाह नहीं पढ़ाने की बात कही।
मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें की मेरठ में बीते शुक्रवार देर रात जामा मस्जिद में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मौलाना अनीस अहमद आजाद दिल्ली ने दीनी राह पर चलने की बात कहते हुए समाज में फैली बुराइयों को खत्म करने की अपील की। बता दें की इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मुफ्ती नईम कासमी और संचालन मौलाना असजद कासमी ने किया। साथ ही बता दें की मौलाना असजद कासमी ने बताया कि कार्यक्रम में नगर के तमाम मौलाना व गणमान्य लोगों के बीच तय हुआ कि लालखत जो लिखा जाता है, अब वह इमामों का बनाया सादा खत लिखाएंगे।
साथ ही इस कार्यक्रम लिए गए कुछ बड़े फैसले है जिसमे हल्दी, मेहंदी, कलावा बांधने की रस्म नहीं की जाएगी। जिन शादियों में डीजे बजाना, आतिशबाजी करना, बैंडबाजों पर डांस करने की बात सामने आती है तो न ही उनमें जाएंगे और न ही निकाह पढ़ायेंगे। बता दें की अब निकाह मस्जिद में ही पढ़ाया जाएगा।