गरीबों के इलाज के लिए सरकारी अस्पताल तो बनाए गए लेकिन सरकारी अस्पताल में तैनात किए गए डॉक्टर सरकारी अस्पताल में मरीजों को देखने की जगह अपने निजी आवास पर बने क्लीनिक पर देखकर उनसे सैकड़ों रुपए वसूल रहे हैं, यह आरोप खबर पड़ताल नहीं बल्कि हाल ही में दी गई एक शिकायत पर है…
उत्तराखंड प्रदेश के जिला मुख्यालय ऊधम सिंह नगर के जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर इन दिनों सरकारी अस्पताल में बनी ओपीडी में मरीजों को देखने मे कम रुचि रखते हैं क्योंकि सरकारी अस्पताल की ओपीडी में उन्हें निशुल्क मरीजों को देखना पड़ता है, वही आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अगर सरकार इस ओर ध्यान दें और उच्च अधिकारी अगर रोज शाम सरकारी अस्पताल में तैनात चिकित्सकों के कमरों पर जाकर जांच करें तो वहां मरीजों की भीड़ देखने को मिल जाएगी। यह मरीजो की भीड़ डॉक्टर साहब के आवास पर बने क्लीनिक में निशुल्क नहीं बल्कि ₹400 फीस लेकर देखी जाती है।
बीते दिनों भाईचारा एकता मंच के अध्यक्ष केपी गंगवार के रिश्तेदार से जिला अस्पताल में तैनात और पुराने अस्पताल में रह रहे एक चिकित्सक ने ₹400 गूगल पे के माध्यम से लेने के बाद ही मरीज को देखा, जिसके बाद भाईचारा एकता मंच के अध्यक्ष केपी गंगवार ने इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों से भी की है।
लेकिन ढाक के तीन पात आपको बता दें कि यह चिकित्सक ₹400 फीस तक ही सीमित नहीं है यह चिकित्सक निजी पैथोलॉजी लेबो में खून की जांच से लेकर निजी मेडिकल स्टोर की दवा तक लिखते है, तो वही मरीज के साथ आए तीमारदार मजबूरी में इन डॉक्टरों के द्वारा उठाए जा रहे फायदे के चुंगल में फंस जाते हैं। और जहां सरकार एक और निशुल्क स्वास्थ्य, चिकित्सा के बात करती है तो वही इन डॉक्टरों की कार्यप्रणाली से जनता में सरकार की छवि भी धूमिल होती जा रही है।