उत्तराखंड: प्रदेश की चाहें हसीन वादियां हो, तीर्थ स्थल हो, पहाड़, व्यंजन हो या नृत्य हो पूरे देह विदेश में मशहूर है। बता दें की अब यहां के लोक गायकों को आवाज विदेशों में भी अपना जादू बिखेर रही है। बता देने उत्तराखंड एसोसिएशन आफ आस्ट्रेलिया की ओर से उत्तराखंड के लोक गायकों को आस्ट्रेलिया आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम में लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी माया उपाध्याय किशन महिपाल प्रकाश कहाला ने एक से बढ़कर एक गीतों की शानदार प्रस्तुति दी।
बता दें की प्रवासियों के बीच पहाड़ के परंपरागत वाद्य यंत्रों पर गढ़वाली, कुमाऊंनी लोक गीत गूंजे तो प्रवासियों की पहाड़ और अपनी जन्मभूमि से जुड़ी यादें ताजा हो गईं। कार्यक्रम में कुमाऊंनी पिछौड़ा और गढ़वाल की प्रसिद्ध टिहरी नथ के साथ परंपरागत वेशभूषा में आए कई प्रवासी अपनी बोली-भाषा के गीतों पर खूब थिरके। वहीं, आस्ट्रेलिया मूल के लोग भी उत्तराखंडी संस्कृति व नृत्य को देखकर अभिभूत नजर आए।
बता दें की उत्तराखंड की लोक धुन व गीतों पर उत्तराखंडी प्रवासी जमकर थिरके। लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने ठंडो रे ठंडो के बहाने प्रवासी उत्तराखंडियों को देवभूमि की यादें ताजा कराई गईं। वहीं, माया उपाध्याय ने क्रीम पाउडरा के साथ ही एक से बढ़कर एक गीत पेश किए। वाद्य यंत्रों में इनका साथ द्वारिका प्रसाद, विनोद चौहान, रुचि भारती, सुभाष पांडेय और विजय बिष्ट ने दिया आयोजन स्थल पर माहौल पूरी तरह उत्तराखंडी रंग में रंगा नजर आया। इस दौरान कलाकारों के साथ लोग सेल्फी भी लेते रहे। प्रवासी उत्तराखंडी ऋषभ रावत ने कहा कि विदेश में पहाड़ की संस्कृति के प्रति उत्तराखंडी प्रवासियों का लगाव देखकर काफी अच्छा लगा। इस तरह के कार्यक्रम होते रहने चाहिए।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना