रुद्रपुर। ऊधम सिंह नगर जिले के कई हिस्ट्रीशीटर और बदमाश फाइनेंस कंपनियों द्वारा दी गई गाड़ी छीनने की गैंग के संचालक है। शहर में संचालित हो रही फाइनेंस कंपनियो की रिकवरी बदमाशों के सहारे ही चल रही हैं, रामपुर जिले के बिलासपुर में हुई घटना ने साफ कर दिया है। किसी कारणवश समय पर किस्त न दिये जाने पर फाइनेंस कंपनिया निजी तौर पर रिकवरी बदमाशों के सहारे रिकवरी करने का काम कर रहीं है, जिसपर पुलिस भी मौन है। दीपू मंड हत्याकांड की वारदात ने फाइनेंस कंपनियों के रिकवरी वाले गुंडो की पोल खोल दी है। गुंडो के सहारे फाइनेंस कंपनियों का रिकवरी करो अभियान का संचालन हो रहा है, जो रिकवरी के दौरान मौत का खेल खेलने को भी तैयार है। हालांकि फाइनेंस किये जाने से पूर्व यह कंपनिया जबरन ग्राहक को लुभावने ऑफर देकर उसे अपने जाल में तो फसा लेते हैं लेकिन कुछ दिन बाद इन्हीं कंपनियों के रिकवरी करने वाले बदमाशों का कहर ग्राहकों के लिए आफत बन जाता है। दीपू मंड हत्याकांड की घटना के बाद खबर पड़ताल के पास भी कई ऐसे पीड़ितों का फोन आया जो इन बदमाशों के कहर से त्रस्त है। किसी कारणवश समय पर किस्त न दिये जाने पर फाइनेंस कंपनियों के यह रिकवरी करने वाले बदमाश आये दिन लोगों को धमकी देना, गाड़ी छिनना, गाली गलौच आदि करते हैं।
वहीं इन लोगों द्वारा गाड़ी छिनने के भी अड्डे तय किये हुए हैं। गाड़ी छीनने के मुख्य अड्डे रुद्रपुर शहर का गुप्ता मेडिकल चौराहा, किच्छा रोड स्थित द मेडिसिटी हॉस्पिटल के पास, ट्रांजिट कैंप की ढाल, पुलभट्टा बॉर्डर, रुद्रपुर बिलासपुर बॉर्डर, श्री गुरु अंगददेव कॉम्प्लेक्स सिविल लाइन समेत अन्य इलाकों में ये फाइनेंस की गाड़ियों को छीनने का काम करते है। खबर पड़ताल द्वारा पूर्व में भी फाइनेंस कंपनियों के इन रिकवरी गुंडो के खिलाफ अभियान चलाया था, जिसके बाद अब फिर इन गुंडई की दास्तां हम अपने दर्शकों के सामने रखेंगे।