किसान नीतियों के विरोध में देश भर से पहुंचे मजदूर और किसानों ने मंगलवार को केंद्र सरकार को निशाने पर लिया। सभी ने किसानों की नीतियों पर सवाल खड़े कर इन नीतियों को किसानों, मजदूरों और आमजन विरोधी बताया।
रुद्रपुर। बताते चलें भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने भारत की तुलना श्रीलंका से की । उनका कहना है यदि केंद्र सरकार इस ओर ध्यान नहीं देती तो भारत में भी श्रीलंका जैसे ही हालात होंगे। करीब पांच घंटे चली इस महापंचायत में नौ प्रस्तावों को पारित किया गया। सिडकुल स्थित पारले चौक पर मंगलवार को आयोजित हुई मजदूर किसान महापंचायत में नरेश टिकैत ने बताया कि फैक्टरियों में अपनी पूरी उम्र लगा देने वाले श्रमिकों के हाथ पूरी तरह से खाली हैं। रुद्रपुर में इंटरार्क श्रमिक पिछले 255 दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं। वहीं फैक्ट्रियों में पसीना बहाने वाले श्रमिक भुखमरी के कगार पर हैं। इसके साथ ही भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कोरोना को अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र करार दिया। उनकी माने तो कोरोना के नाम पर जनता को डराकर घरों में बंधक बनाया गया, जबकि इस अवधि में अडानी और अंबानी की संपत्ति कई गुना हो गई। जनता का पैसा उद्योग घरानों में डंप हो गया, जिस कारण महंगाई बढ़ गई। यदि यह पैसा जनता के पास होता तो वह बाजार में घूमता रहता और महंगाई नियंत्रित रहती। वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार कॉरपोरेट के हाथों की कठपुतली बन गई है। जनता के वोटों से जीतने वाली सरकार को सिर्फ कॉरपोरेट की चिंता है। भारत में आज भी 20 करोड़ लोगों को दो वक्त की रोटी नहीं मिल पा रही है।
वहीं तराई किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष तजिंदर सिंह विर्क ने कहा कि सरकार ने कृषि कानूनों से किसानों को अनाज पर उद्योगपतियों को कब्जा दिलाने का प्रयास किया था लेकिन किसान आंदोलन ने सरकार को नतमस्तक कर दिया है। संयुक्त श्रमिक मोर्चा के अध्यक्ष दिनेश तिवारी ने कहा कि सिडकुल श्रमिकों के लिए खुली जेल बनती जा रही है। श्रमिकों से 12 घंटे तक काम करवाने के बावजूद नाम मात्र वेतन दिया जा रहा है। प्रशासन से शिकायत के बावजूद इंटरार्क कंपनी में तालाबंदी नहीं खोली जा रही है।
ये प्रस्ताव हुए पारित
– किसान यूनियनों की ओर से गांव-गांव से राशन एकत्रित कर 255 दिनों से धरने पर बैठे इन्टरार्क मजदूरों के लिए खाने की व्यवस्था की जाएगी।
– सिडकुल में लगे उद्योगों में भारतीय कानूनों और भारतीय संविधान को तत्काल लागू कराया जाए।
– महापंचायत में इंटरार्क कंपनी की तालाबंदी को अवैध घोषित कर सभी मजदूरों की सवैतनिक कार्यबहाली की मांग।
-पंतनगर स्थित इंटरार्क कंपनी की तालाबंदी समाप्त होने तक पीड़ित सभी करीब 500 स्थायी मजदूरों की किच्छा प्लांट में कार्यबहाली करने की मांग, ऐसा न होने पर निर्णायक संघर्ष करने का संकल्प।
– 20 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे करोलिया कंपनी के मजदूरों की प्राणरक्षा करने के लिए शासन-प्रशासन से तत्काल कार्रवाई करने की मांग
– इंटरार्क, लुकास-टीवीएस समेत सभी संघर्षरत मजदूरों की समस्याओं का तत्काल समाधान करने की मांग।
– किसान नेताओं पर लगाए गए मुकदमे को वापस लेने की मांग
– समस्याओं का समाधान नहीं होने पर महान क्रांतिकारी शहीद सुखदेव के जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर मजदूर-किसान सत्याग्रह, जनजागरण अभियान के तहत सिडकुल पंतनगर में पदयात्रा निकालते हुए कलक्ट्रेट रुद्रपुर तक मार्च
– 23 मई तक समस्याओं का समाधान न होने की स्थिति में 24 मई को महान क्रांतिकारी शहीद व शहीदे आजम भगत सिंह के गुरु भाई करतार सिंह सराभा के जन्मदिवस के अवसर पर इंटरार्क मजदूरों के धरना स्थल पर सामूहिक उपवास करने, कलक्ट्रेट रुद्रपुर तक पदयात्रा निकालने और निर्णायक संघर्ष की रूपरेखा तैयार करना।
श्रमिकों की प्रमुख मांगें
1- न्यूनतम वेतन 25 हजार रुपये घोषित किया जाए।
2- नियमानुसार बोनस की दिया जाए।
3-मजदूरों के स्थायीकरण की मांग।
4- समान काम का समान वेतन।
5-ठेका प्रथा को पूरी तरह से खत्म करने की मांग।
6- किसानों और मजदूरों पर दर्ज मुकदमे वापस हों।
7- ओवरटाइम का डबल भुगतान किया जाए।
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का होगा विरोध
रुद्रपुर। तराई किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष तजिंदर विर्क ने कहा कि बुधवार को रुद्रपुर में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कार्यक्रम प्रस्तावित है। सभी किसान अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलेंगे। यदि उन्होंने श्रमिकों की मांगों को नहीं सुना तो उनके कार्यक्रम का विरोध किया जाएगा। मजदूर, बेरोजगार व किसान परिवारों के लोग चंपावत पहुंचकर लोगों से खटीमा विधानसभा जैसे जनादेश देने की मांग करते हुए अभियान छेड़ देंगे।
एलआईयू और इंटेलीजेंस कर्मियों को चैताया
रुद्रपुर। किसान नेता तजिंदर विर्क ने कहा कि एलआईयू व इंटेलीजेंस के कर्मचारी सरकार प्रतिनिधि के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महापंचायत में खुफिया विभाग के कर्मचारी नजर आ रहे हैं। वह मजदूर और किसानों की गतिविधि की सूचना सरकार तक पहुंचा रहे हैं लेकिन किसान और मजदूर का साहस व आत्मविश्वास किसी के आगे डिगने वाला नहीं।
वहीं मजदूर किसान महापंचायत में युवाओं ने क्रांति गीत प्रस्तुत किए। उन्होंने सरदार भगत सिंह को अपना आदर्श व सच्चा देशभक्त बताया। इस दौरान सिडकुल में आयोजित मजदूर-किसान महापंचायत के दौरान भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रही। पारले चौक को जाने वाले मार्ग से लेकर पंचायत स्थल तक जगह-जगह पुलिस अधिकारी व कर्मचारी तैनात रहे। वे फोन पर उच्च अधिकारियों को पल-पल की सूचना देते रहे। इस मौके पर मोहन मटियाली, गुरसेवक सिंह, सुब्रत कुमार विश्वास, चंदन मेवाड़ी, भवान सिंह, विकास दुबे, कर्म सिंह पड्डा,जगतार सिंह बाजवा, हैमा तिवारी, पुष्पा, रजनी, धर्मपाल सिंह, पान मोहम्मद, दलजीत सिंह, दीपक सनवाल, जितेंद्र सिंह जीतू, कैलाश भट्ट, धीरज जोशी, भरत जोशी, बलवंत सिंह, हिमांशु, सुभाषित आदि लोग मौजूद रहे।